Bihar Politics: बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन इरशादुल्लाह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बताया कि नालंदा में स्थित मदरसा अजीजिया के पुनर्निर्माण के लिए बिहार की नीतीश सरकार ने 30 करोड़ रुपये की मदद दी है. 113 साल पुराने इस मदरसे की लाइब्रेरी को रामनवमी पर हुए दंगों के दौरान जला दिया गया था. इरशादुल्लाह ने बताया कि लाइब्रेरी में इस्लामी संस्कृति, धर्म और साहित्य पर 4,500 किताबें जला दी गईं थी. उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ किताबें हस्तलिखित थीं. 


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इरशादुल्लाह ने बताया कि इस मदरसा के दुबारा नए सिरे से निर्माण के लिए नीतीश सरकार ने लगभग 30 करोड़ रुपये जारी किए हैं. उन्होंने बताया कि सिर्फ 4 महीने में मदरसे की स्थलीय जांच हुई. प्राक्कलन बना तो नीतीश कुमार को मुबारकबाद देना चाहता हूं कि अकलियत समाज के लिए 100 साल पुराना मदरसा, जिसको जलाकर राख कर दिया गया था, उसके लिए मुख्यमंत्री ने जो वादा किया था, 4 महीने पहले कि उससे बेहतर मदरसा बना कर देंगे. इरशादुल्लाह ने बताया कि 4 महीने के अंतराल में ही उन्होंने 30 करोड़ बजट से उसे मदरसे का प्राक्कलन बना. 


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उन्होंने कहा कि वित्त विभाग से अनुमोदन हुआ, आज कुछ अलॉटमेंट भी मिल चुका है और अगले महीने से शिलान्यास होगा और काम शुरू हो जाएगा. इरशादुल्लाह ने कहा कि यह मदरसा वक्फ बोर्ड से जुड़ा है. हमारे यहां करीब 3000 वक्फ रजिस्टर्ड हैं, जिसमें एक बीवी सोहर भी हैं जो दो नंबर का स्टेट है. बिहार का दूसरा वक्फ स्टेट है. इसका जितना भी कमेटी का अप्रूवल जमीन का है, वह मुझे देना पड़ता है. जब तक वक्फ बोर्ड से अप्रूवल नहीं होगा, इसमें कोई काम नहीं हो सकता.


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बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन इरशादुल्लाह के इस बयान पर राजनीति हो सकती है. रामनवमी पर हुए दंगों में दोनों समाज के लोगों को काफी नुकसान हुआ था. दंगाईयों की ओर से दोनों समाज के कई घरों, दुकानों के साथ-साथ धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया गया था. अब बिहार सरकार की ओर मदरसे की मदद की गई लेकिन हिंदू समाज की मदद में सरकार ने क्या किया, इसकी जानकारी सामने नहीं आ सकी है. बीजेपी पहले से ही बिहार की महागठबंधन सरकार पर ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाती रहती है.