Bihar School Holiday Calender 2024: बिहार के शिक्षा विभाग ने 2024 के लिए छुट्टियों का जो कैलेंडर जारी किया है, उसने पटना से लेकर दिल्ली तक बवाल मचा दिया है. बीजेपी सहित तमाम राजनीतिक दलों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और बिहार सरकार के इस कदम को हिंदुओं का अपमान बताया है. विवाद बढ़ने पर नीतीश सरकार झुकती दिख रही है. मामला बढ़ने के बाद नीतीश कुमार के मंत्री ने भी इस मामले को गलत माना है और इस आदेश को वापस लेने के संकेत दिए हैं. 


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बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि शिक्षा विभाग के 2024 वाले कैलेंडर में छुट्टियों की जो कटौती की गई है वह गलत है. जो परंपरा चली आ रही है उसके अनुसार मानना चाहिए. अशोक चौधरी से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या आप मान रहे हैं कि बार बार ये गलती हो रही है? इस पर अशोक चौधरी ने कहा कि सरकार के संज्ञान का ये निर्णय नहीं है. पिछली बार अगर नीतीश कुमार ने सुधार कर दिया था दोबारा इस तरह की गलती नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन सरकार के स्तर पर निर्णय नहीं है. नीतीश कुमार के संज्ञान में आते ही इसमें सुधार होगा.


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जेडीयू नेता ने कहा कि इससे पहले भी जब इस तरह हुआ था और जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संज्ञान में मामला आया था तो हमारे नेता (नीतीश कुमार) ने सुधार किया था. इस बार भी ये निर्णय सरकार के संज्ञान में नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि अगर पिछली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुधार कर दिया था तो दोबारा इस तरह की गलती नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन सरकार के स्तर पर निर्णय नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संज्ञान में आते ही इसमें सुधार होगा.


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उधर अब इस मामले पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने संज्ञान लिया है. आयोग ने बिहार सरकार से इस पर 7 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है. आयोग ने साफ कहा है कि अगर 7 दिन में जवाब नहीं दिया गया तो फिर समन भेजा जा सकता है. आयोग ने बिहार सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि धार्मिक आधार पर स्कूली बच्चों की छुट्टियों में भेदभाव क्यों किया जा रहा है? आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार संधि का हस्ताक्षरकर्ता है और उसके तहत बच्चों को दिए गए सहभागिता के अधिकार के संरक्षण की जिम्मेदारी है.