Bihar Politics: बिहार में नीतीश सरकार हिचकोले ले रही है. महागठबंधन के मंझधार में नीतीश सरकार ऐसी फंस गई है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, क्योंकि महागठबंधन के अंदरुनी कलह में अब बीजेपी के चाणक्य अमित शाह की भी एंट्री हो गई है. इसी बात को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हथियार बना लिया है. दरअसल, सोमवार को महागठबंधन विधानमंडल दल की बैठक हुई. बैठक में महागठबंधन में अंदरुनी कलह की ख़बरों से तिलमिलाये सीएम नीतीश कुमार ने विधान पार्षद सुनील सिंह की क्लास लगाते हुए पूछा- 


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1. आप अमित शाह से क्यों मिले.
2. क्या बीजेपी से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं.
3. अगर आपको जाना है तो जाइए. 


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बैठक में राजद एमएलसी पर सीएम नीतीश कुमार गुस्से से लाल थे तो सुनील सिंह भी तीखे तेवर में नजर आ रहे थे. हालात बिगड़ते देख खुद तेजस्वी यादव को बीचबचाव करना पड़ा. नीतीश कुमार ने सुनील सिंह की ऐसी क्लास लगाई कि सभी देखते रह गए. न सिर्फ आरजेडी बल्कि कांग्रेस भी बैकफुट पर आ गई है. दरअसल, सीएम नीतीश कुमार के गुस्से की वजह समझिये. एक दिन पहले एमएलसी सुनील सिंह ने एक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से सवाल किया था- लिखा था देश का सबसे अविश्वसनीय राजनेता कौन है. लोगों ने जवाब दिया था नीतीश कुमार. इस सवाल के बाद से ही माना जा रहा था कि बिहार में 2017 वाले हालात बन रहे हैं. सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुनील सिंह की क्लास लगा दी. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गुस्से का सियासी मायने समझिये. 


1. सुनील सिंह लालू यादव के सबसे करीबी माने जाते हैं.
2. राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई हैं.
3. तेजस्वी यादव सुनील सिंह का सम्मान करते हैं.


यानी नीतीश कुमार ने ऐसे शख्स पर अमित शाह से सांठगांठ का आरोप लगाया है जो लालू परिवार के न सिर्फ अहम हिस्सा हैं बल्कि बेहद करीबी भी. नीतीश कुमार ने एक तीर से दो निशाना साधा है. एक तो सुनील सिंह की बोलती बंद कर दी और दूसरा राजद कुनबे पर ये आरोप लगा दिया कि वो एनडीए के करीब है. जो आरोप जीतनराम मांझी से लेकर उपेंद्र कुशवाहा तक नीतीश कुमार पर लगा रहे थे, वही आरोप नीतीश कुमार ने लालू यादव की पार्टी के नेता पर लगा दिया. यानी मंत्री चंद्रशेखर और केके पाठक से शुरू हुआ विवाद सुलझा नहीं है, बल्कि सुलग रहा है. हालांकि, महागठबंधन भरसक दिखाने की कोशिश कर रहा है कि हम एक हैं.


Report: Prashant Jha