Nitish Kumar Yatra: बिहार की राजनीति में यात्रा निकालने की कहानी पुरानी है. कभी राजद अध्यक्ष लालू यादव ने बीजेपी की राम मंदिर रथ यात्रा को बिहार में रोक दिया था और लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार करवा दिया था. लालू यादव उस वक्त बिहार के मुख्यमंत्री हुआ करते थे. उनके इसका फायदा ये मिला कि बिहार का मुसलमान राजद का सॉलिड वोटबैंक बन गया. बिहार की राजनीति में राजद का माय फैक्टर अब तक अटूट बना हुआ है. इसकी काट न तो अबतक नीतीश कुमार ढूंढ पाए और ना ही भाजपा. इसके बाद नीतीश कुमार ने लालू यादव के खिलाफ मोर्चा खोला और पूरे प्रदेश में घूमकर जनता का समर्थन हासिल किया. 2005 में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर लालू यादव को सत्ता से दूर कर दिया और खुद सीएम बने. 


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बता दें कि 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. भाजपा के समर्थन से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री तो बन गए, लेकिन बहुमत का जुगाड़ नहीं कर सके. लिहाजा उनकी सरकार गिर गई. इसके बाद उन्होंने न्याय यात्रा निकाली. यह यात्रा सुपरहिट रही और अक्टूबर 2005 में नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी में बैठने का मौका मिला. तब से लेकर आजतक नीतीश कुमार ही सीएम हैं. वह इतने लंबे समय से सत्ता में हैं, इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि वे जनता से जुड़ते रहते हैं. वह समय-समय पर कोई ना कोई यात्रा निकालते हैं और जनता के बीच जाकर जनसमर्थन हासिल करते हैं.


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हाल में हुआ लोकसभा चुनाव इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. इस लोकसभा चुनाव से पहले सबलोग नीतीश कुमार को काफी कमजोर आंक रहे थे. सियासत के जानकार भी मुख्यमंत्री के रिटायरमेंट की भविष्यवाणी कर रहे थे. महागठबंधन में रहते हुए खुद मुख्यमंत्री ने भी तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था. लेकिन जब वह महागठबंधन छोड़कर वापस एनडीए में आए तो अपना इरादा बदल दिया. सीएम ने चुनाव के दौरान समाधान यात्रा निकाली और जनता से जुड़े. जब चुनाव के रिजल्ट आए तो नीतीश कुमार ताकतवर बनकर उभरे.


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नीतीश कुमार ने कितनी यात्राएं निकालीं


  • नीतीश कुमार ने 12 जुलाई 2005 को न्याय यात्रा शुरू की थी

  • लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने 9 जनवरी 2009 को विकास यात्रा निकाली. 

  • लोकसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद 17 जून 2009 से धन्यवाद यात्रा शुरू की. 

  • 25 दिसंबर 2009 को प्रवास यात्रा निकाली, इसके जरिए जनता को अपने 4 साल का हिसाब-किताब दिया. 

  • 2010 के विधानसभा चुनाव में जाने से पहले 28 अप्रैल 2010 से विश्वास यात्रा निकाली.

  • विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद 2011 के अंत में सेवा यात्रा निकाली.

  • 19 सितंबर 2012 से बिहार को विशेष राज्य की दर्जा की मांग को लेकर अधिकार यात्रा पर निकले.

  • 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले संकल्प यात्रा की शुरुआत की. हालांकि, चुनाव में जेडीयू शर्मनाक प्रदर्शन रहा.

  • 13 नवंबर 2014 से संपर्क यात्रा की शुरुआत की. यह 2015 के विधानसभा चुनाव की तैयारी थी. 

  • 2015 में सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार ने 7 निश्चय को लागू किया, इसी का फीडबैक लेने के लिए 9 नवंबर 2016 से निश्चय यात्रा पर निकले.

  • 7 दिसंबर 2017 से समीक्षा यात्रा शुरू की, इसमें विकास कार्यों की समीक्षा करनी थी. 

  • 03 दिसंबर 2019 को जल-जीवन-हरियाली यात्रा निकाली. 

  • 22 दिसंबर 2021 को नीतीश समाज सुधार यात्रा पर निकले. इसके बाद स्वास्थ्य गड़बड़ रहने लगा.

  • इस लोकसभा चुनाव से पहले 28 जनवरी 2023 से समाधान यात्रा पर निकले. 


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