NDA से दूर जाएंगे पशुपति पारस? आखिर क्यों कहा, `मेरे साथ नाइंसाफी हुई`
Bihar Politics News: पशुपति पारस ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी (राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी) 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत से मैदान में उतरेगी. पशुपति पारस ने दिवंगत रामविलास पासवान की मौत के कुछ महीनों बाद विद्रोह करके एलजेपी पर कब्जा कर लिया था.
Pashupati Paras: पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने 31 जुलाई, 2024 दिन बुधवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के साथ अन्याय किया गया, जिसने फिर भी एनडीए के साथ बने रहने का फैसला किया. आरएलजेपी की एक बैठक के बाद मीडिया को संबोधित पारस ने कहा कि हालांकि हमें लोकसभा चुनावों में एक सौदा मिला, लेकिन हमने अपनी वफादारी नहीं बदली. हमें उम्मीद है कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा इसे पहचानेंगे और अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में हमें उचित स्थान देंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि आरएलजेपी एनडीए की ओर से उन 4 विधानसभा सीटों में से एक पर चुनाव लड़ना चाहेगी, जहां उपचुनाव होंगे क्योंकि उनके विधायक लोकसभा के लिए चुने गए हैं. पशुपति पारस ने कहा कि हमारी बैठक में, हमने आरएलजेपी को मजबूत बनाने और विधानसभा चुनावों में एनडीए को अपनी ताकत देने का संकल्प लिया, बशर्ते हमें सम्मानजनक हिस्सेदारी मिले. हम किसी भी ऐसे गठन का समर्थन करेंगे जो हमें उचित सम्मान देगा.
हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि क्या वह बीजेपी को चेतावनी देने की कोशिश कर रहे हैं कि वह इंडिया ब्लॉक में जा सकते हैं, जिसमें बिहार में राजद, कांग्रेस और वामपंथी शामिल हैं, तो उन्होंने कहा कि हम ऐसी कोई धमकी नहीं दे रहे हैं. हम केवल उस सम्मान की मांग कर रहे हैं जो हमें मिलना चाहिए. भविष्य में क्या होगा, केवल समय ही बताएगा.
बता दें कि पशुपति पारस ने दिवंगत रामविलास पासवान की मौत के कुछ महीनों बाद विद्रोह करके एलजेपी पर कब्जा कर लिया था. चिराग पासवान पार्टी में अलग-थलग पड़ गए थे. हालांकि, हाल के चुनावों में चिराग पीछे से वापस आ गए जब उनकी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को चुनाव लड़ने के लिए पांच सीटें मिलीं, उन्होंने इनमें से सभी पर जीत हासिल की और युवा नेता ने हाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र के साथ-साथ खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विभाग मिला.