Pashupati Paras News: बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनावों से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस अचानक से एक्टिव हो गए हैं. पशुपति पारस ने पटना  में पासवान अधिकार मार्च के प्रदर्शनकारियों पर हुए पुलिस की लाठीचार्ज की निंदा करते हुए बिहार सरकार के सामने पासवान समाज के लिए आरक्षण को लेकर बड़ी डिमांड कर दी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मांग की है कि चौकीदारी की नियुक्ति में पासवान समाज को 80 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए. उन्होंने कहा कि चौकीदारी पासवान समाज का पुश्तैनी काम है. पासवान समाज के लोग अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, उसपर लाठीचार्ज बेहद दुखद है. 


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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चौकीदारी और दफेदारी पासवान समाज का पुश्तैनी काम रहा है जो अंग्रेजों के जमाने से चलता आ रहा है. राज्य में पहले किसी चौकीदार या दफादार का निधन होता था तो उनके आश्रितों को ही बहाल किया जाता था. बिहार में चौकीदार और दफादार के पद पर बहाली में पासवान जाति को ही प्राथमिकता दी जाती थी. पशुपति ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से यह अनुरोध किया है कि राज्य में नये नियम के तहत इस पद पर बहाली निकाला गया है, उसे तत्काल रद्द किया जाये और फिर से चौकीदार-दफादार की नौकरी और नियुक्ति में 80 फीसदी आरक्षण देते हुए पुरानी व्यवस्था रखते हुए पासवान समाज के लोगों को मौका दिया जाए.


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पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने पटना में लोजपा के संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान और पूर्व मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री का प्रतीमा लगाकर स्मारक की स्थापना करने की मांग की. इसके अलावा मोकामा के चाराडीह में पासवान समाज के तीर्थ स्थल में बाबा चौहरमल के मंदिर एवं स्मारक का निर्माण कराए जाने की मांग की. पारस ने कहा कि वे जल्द ही अपनी पार्टी का शिष्टमंडल लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे और पासवान समाज के सभी प्रमुख मांगों को पूरा करने का उनसे अनुरोध करेंगे.