महाराष्ट्र में सियासी फेरबदल, बिहार की सियासत में उबाल, ऐसे विपक्षी एकता पर उठ रहे सवाल
Bihar Politics: महाराष्ट्र की सियासत में आज आए भूचाल और एनसीपी में टूट के बाद शुरू हुए राजनीतिक बवाल की आग बिहार भी पहुंच गई है.
पटना: Bihar Politics: महाराष्ट्र की सियासत में आज आए भूचाल और एनसीपी में टूट के बाद शुरू हुए राजनीतिक बवाल की आग बिहार भी पहुंच गई है. बता दें कि बिहार के रास्ते लोकसभा चुनाव के दौरान केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के लिए 18 से ज्यादा सियासी दल हाथ थामे एक मंच पर नजर आए थे और इसकी अगुवाई नीतीश कुमार कर रहे थे. अब जब महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन को झटका देते हुए NCP के नेता अजित पवार ने अपनी ही पार्टी के विधायकों के साथ भाजपा-शिवसेना(शिंदे गुट) के साथ शामिल होने का कदम उठा लिया तो फिर विपक्षी एकता पर सियासी सवाल तो उठेगा ही. ऐसे में बिहार के विपक्षी दलों के नेता इसको लेकर जमकर निशाना साधा रहे हैं वहीं बिहार सरकार में शामिल कई दलों के नेता भी इस सियासी फूट पर बयान दे रहे हैं.
ऐसे में एनसीपी में टूट पर RLJD के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने विपक्षी एकता पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र में जो कुछ हुआ है वह बहुत अस्वभाविक नहीं है. इस तरह की कोशिश विपक्षी एकता के नाम पर देशभर में चल रही है. ऐसे में यहां इस तरह का परिणाम होना ही था. एक तरह से कहा जाए तो विपक्ष नाम की एकता का जो शिशु है वह गर्भ में ही विकलांग हो गया है. इस बात का पता महाराष्ट्र की घटना से चला है. जिस मां की कोख में विपक्षी एकता का शिशु है वह मां ही जब कुपोषित है तो बच्चे की क्या स्थिति होगी. महाराष्ट्र में जो हुआ है आगे आने वाले दिनों में देश भर में कई और जगह ऐसी स्थिति दिखेगी और विपक्ष की एकता तार-तार हो जाएगी. अभी इसकी शुरुआत हो गई है. देश भर में ऐसे ही स्थिति विपक्षी एकता की होगी. आगे आने वाले दिनों में देखिए क्या-क्या होता है.
ये भी पढ़ें- यात्रीगण कृपया ध्यान दें! इस रूट से गुजरने का है प्लान तो जान लें रेलवे का ऐलान
महाराष्ट्र में बड़ी सियासी उठापठक को लेकर जब जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा भारतीय जनता पार्टी का यह सब खेल है, भाजपा जनता की ताकत पर नहीं बल्कि जोड़-तोड़ पर विश्वास करती है. जनता की ताकत पर हर दिन इनको झटका ही लगेगा.
वहीं महाराष्ट्र में हुए सियास फेरबदल पर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने अन्य राज्यों में भी इस तरीके की फूट पड़ने का दावा किया. उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि बिहार में भी ऐसा हो सकता है, क्योंकि नीतीश कुमार का कोई भरोसा नहीं वह इधर से उधर पलटा मारते रहते हैं. उन्होंने जयंत चौधरी को लेकर भी कहा कि वह भी जल्द ही एनडीए के साथ आ सकते हैं. अखिलेश यादव का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी के तमाम नेता भी बीजेपी के साथ आ सकते हैं. मायावती के UCC का समर्थन करने पर कहा कि अच्छी बात है कि उन्हें ये यह बात समझ में आ रही है. NDA के साथ आती है तो उनका ही फायदा होता. हालांकि हमें बहुत ज्यादा जरूरत नहीं है हम पहले से बहुत मजबूत हैं.
RUPENDRA SHRIWASTVA