पटना: बिहार की सियासत का पारा इन दिनों अपने चरम पर है. एक तरफ महागठबंधन के दलों और भाजपा के बीच सियासी बयानबाजी चरम पर है. वहीं महागठबंधन के घटक दलों में से एक हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी ने बी लोकसभा चुनाव के लिए 5 सीटों की मांग उठा दी है. इसको लेकर नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी अपने पार्टी के विधायकों के साथ भी उनके आवास पर जाकर बुधवार को मिल चुके हैं. 


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बता दें कि तब जीतन राम मांझी ने मुलाकात के बाद कहा था कि बातचीत काफी सकारात्म रही. उन्होंने यह भी कहा कि वह नीतीश के साथ हैं और रहेंगे. इसके साथ ही उन्होंने इस बात से इनकार किया था कि उन्होंने लोकसभा सीटों को लेकर नीतीश कुमार से कोई बात की. उन्होंने और नीतीश सरकार के मंत्री संतोष सुमन ने कहा था कि विधायकों की समस्या को लेकर उनकी मुलाकात हुई थी जिसे नीतीश कुमार ने बड़े ध्यान से सुना. इसके साथ ही आपको बता दें कि अंदरखाने से खबर आ रही है कि नीतीश कुमार ने मांझी को अपने आवास पर गले लगाते हुए साथ नहं छोड़ने का वादा कराया था. बता दें कि मांझी 5 लोकसभा सीट, एक राज्यसभा सीट और नीतीश मंत्री मंडल में और पदों की मांग कर रहे हैं. 


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ऐसे में नीतीश कुमार से मुलाकात के ठीक एक दिन बाद यानी आज गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी  राज्यपाल से मुलाकात करने राजभवन पहुंच गए. इसके बाद से बिहार की सियासत गर्मा गई है. बता दें कि यहां राज्यपाल से मुलाकात के बाद जीतनराम मांझी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि बिहार में शिक्षा की स्थिति ठीक नहीं है, सरकारी स्कूलों का हाल भी ठीक नहीं है बेहतर पढ़ाई सरकारी स्कूल में नहीं हो रही है, यही चिंता राजपाल से जताया है और सुधार की मांग भी की है. 


वहीं जीतनराम मांझी ने खगड़िया सुल्तानगंज पुल हादसे पर कहा कि बिहार में पुल क्यों टूटा यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन बिहार में एस्टीमेट घोटाला आज भी हो रहा है. यहां तो 1 हजार का काम 5 हजार में हो रहा है. 


वहीं 23 जून को हो रहे विपक्ष की बैठक को लेकर जीतनराम मांझी ने कहा कि मैं नीतीश कुमार के साथ हूं लेकिन 23 जून की बैठक के लिए अभी तक बुलावा नहीं आया है. 
(रिपोर्ट:शिवम कुमार)