Bihar News: बिहार में जननायक कर्पूरी के आदर्शों को लेकर राजनीति शुरू, भाजपा, राजद और जदयू का अपना-अपना दावा
Bihar News: बिहार में जननायक कर्पूरी को लेकर राजनीति शुरू है. उनकी विचारधारा पर कौन सी पार्टी काम कर रही है उसको लेकर सभा पार्टियों की तरफ से द्वा किया जा रहा है.
पटना: Bihar News: बिहार में जननायक कर्पूरी को लेकर राजनीति शुरू है. उनकी विचारधारा पर कौन सी पार्टी काम कर रही है उसको लेकर सभा पार्टियों की तरफ से द्वा किया जा रहा है. ऐसे में राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा की उनकी पार्टी जननायक कर्पूरी ठाकुर के जो विचार और सिद्धांत है उसका असली वारिस है.
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वहीं जेडीयू के नेताओं का दावा है कि कर्पूरी जी की विचारधारा पर हमारी पार्टी चलती है. कर्पूरी जी ने जो सपना देखा था सामाजिक परिवर्तन का उसको पूरा करने का काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी. कर्पूरी जी के वारिस उनके सुपुत्र जेडीयू से राज्य सभा के सांसद हैं. ऐसे में कर्पूरी जी के परिवार के लोगों ने मोहर लगा दी कि नीतीश कुमार की कार्यशाली कर्पूरी जी के कार्यशैली के हिसाब से है.
बता दें कि शक्ति यादव ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर के जो विचार और सिद्धांत है उसका असली वारिस आरजेडी है. जननायक कर्पूरी ठाकुर के देहावसान के बाद उसकी विचारधारा को लेकर लालू यादव लेकर आगे ही नहीं बढ़े बल्कि आम जनों तक पहुंचाया. कर्पूरी जी का जो कमिटमेंट था आम जनों के लिए उसे लालू प्रसाद ने लागू किया. जननायक कर्पूरी ठाकुर ने अंतिम सांस लालू प्रसाद जी के गोद में लिया. जब सवाल आया की कौन कर्पूरी ठाकुर की कुर्सी का उत्तराधिकारी होगा तो वह लालू प्रसाद हुए. भाजपा ने हमेशा जननायक कर्पूरी ठाकुर को अपमानित किया है. आरक्षण की हवा जब बही उस समय भी कई बातें कही गई और जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया गया. भद्दी टिप्पणी की गई. आज जो लोग कर्पूरी के नाम ले रहे हैं वह वोट के लालच के कारण ऐसा कर रहे हैं. बीजेपी उन्मादों की विचारों से भरी है. जेडीयू जनता दल से निकली हुई पार्टी है. लोकतंत्र के जमाने से वही लोग हैं जो चलते आ रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दल के परिवार के हिस्सा रहे हैं और जनता दल के नेता रहे हैं. लोक दल के नेता रहे हैं.
इस पर बीजेपी के प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा कि बीजेपी बड़ी धूमधाम से प्रत्येक साल कर्पूरी जयंती मानती है कर्पूरी जी का जो फॉर्मूला आज बिहार के अंदर देखा जा रहा है तो उसे समय कर्पूरी जी के साथ बीजेपी थी और बिहार में जनता पार्टी की सरकार थी. कैलाशपति मिश्रा सरकार में उस समय वित्त मंत्री थे जो भी फैसला कर्पूरी जी ने लिया तो उस समय तत्कालीन जनसंघ के लोग साथ थे. आज कर्पूरी के उत्तराधिकार की बात हो रही है तो क्या लालू यादव बताएंगे कर्पूरी जी की जब मृत्यु हुई नेता प्रतिपक्ष लालू यादव बने और लालू यादव को जब जेल जाना पड़ा तो मुख्यमंत्री राबड़ी देवी क्यों बनी और जब लालू यादव सजायाफ्ता हुये तो मीसा भारती संसद क्यों बनी और मुख्यमंत्री के जब दोनों बेटे बालिग हो गए तो दोनों बेटे डिप्टी सीएम, स्वास्थ्य मंत्री क्यों बने. अगर कर्पूरी के सिद्धांतों वाली पार्टी लालू यादव की पार्टी रहती आज यह परिवारवाद का नजारा बिहार को नहीं देखना पड़ता. कर्पूरी जी का नाम लेना लालू यादव के मुंह से कर्पूरी जी का अपमान है.
जेडयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा की कहने के लिए कुछ भी लोग कर सकते हैं. लेकिन कर्पूरी जी की विचारधारा पर हमारी पार्टी चलती है. कर्पूरी जी ने जो सपना देखा था सामाजिक परिवर्तन का उसको पूरा करने का काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. कर्पूरी जी शराबबंदी लागू किए थे बाद में हटाया गया. आज भी बिहार में शराबबंदी है पिछड़ा और अति पिछड़ों के सबसे बड़े हितैषी नीतीश कुमार हैं. कर्पूरी जी के वारिस उनके सुपुत्र जेडीयू से राज्य सभा के सांसद हैं. उनके परिवार के लोगों ने मोहर लगा दी कि नीतीश कुमार जी की कार्यशैली कर्पूरी जी के कार्यशैली के हिसाब से है.
एक समय कर्पूरी ठाकुर की विरोध करने वाली कांग्रेस पार्टी का कहना है कि कर्पूरी, जेपी, लोहिया, गांधी, अंबेडकर, नेहरू सबके थे और सब के हैं. उनके वह नहीं रहेंगे जो कर्पूरी जी के पद चिन्हों पर नहीं चलते हैं. जो लोग भी कर्पूरी जी के पद चिन्हों पर चलते हैं वह ईमानदारी से राज्य और देश की सेवा करते हैं. वह सब कर्पूरी के अनुयायी हैं.