Jharkhand Politics: एनआरसी के मामले पर बाबूलाल मरांडी की तरफ दिए गए बयान को लेकर झारखंड में सियासत गर्म हो चुकी है. एक तरफ जहां बाबूलाल मरांडी ने राज्य में बढ़ते घुसपैठियों पर चिंता जाहिर करते हुए एनआरसी लागू करने की मांग की है, वहीं, दूसरी तरफ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने चुटकी लेते हुए खुद बीजेपी को घुसपैठियों की पार्टी बताते हुए उनके अध्यक्ष से पार्टी के अंदर एनआरसी लागू करने की मांग की.


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बाबूलाल मरांडी ने एनआरसी लागू करने के बयान पर चुटकी लेते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी पार्टी के अंदर ही घुसपैठियों की बड़ी तादाद है इसीलिए वह अध्यक्ष से मांग करेंगे कि भाजपा के अंदर ही एनआरसी लगाई जाए.


एनआरसी का समर्थन नहीं कर झामुमो अपना आदिवासी विरोधी चेहरा दिखा रहा है. इन मुस्लिम बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की तरफ से झारखंड के मुसलमान का हक मारा जाता है. अल्पसंख्यक कल्याण की योजनाओं का फायदा यही उठा लेते हैं. आदिवासी बेटियों से शादी कर ये पंचायत और नगर निकायों पर काबिज होते हैं और जमीन के मालिक बन जाते हैं. फिर भी झामुमो इनका विरोध नहीं कर अपना आदिवासी विरोधी चेहरा दिखा देता है. 


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झामुमो का शीर्ष नेतृत्व बाबूलाल फोबिया से ग्रसित है. अब उन्हें भय सता रहा है कि जब बाबूलाल जी सत्ता में आएंगे तो अपने वादे के अनुरूप भ्रष्टाचार करने वाले सभी नेताओं को लाल कोठी का रास्ता दिखाएंगे. इसलिए ये अनाप-शनाप बयान बाजी कर रहे हैं.


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बाबूलाल मरांडी पर तंज करते हुए कांग्रेस ने कहा कि जिनका अपना ठिकाना नहीं है कि वह जीत कर आएंगे कि नहीं वह एनआरसी पर बातें कर रहे हैं. बाबूलाल मरांडी दिन में भी हसीन सपने देख रहे हैं कि वह सत्ता में आएंगे. कांग्रेस ने स्पष्ट कहा है कि आप सत्ता में आ ही नहीं सकते, क्योंकि जनता ने मूड बना लिया है. सेंटीमेंट के माध्यम से जीत हासिल करने की कोशिश है, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होगा आने वाले 15 सालों तक और उसके बाद भी हमारी ही सरकार रहेगी.


रिपोर्ट: कामरान जलीली