बेगूसराय: जन सुराज के संयोजक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बिहार सरकार एवं नीतीश कुमार पर हमला बोला है.  उन्होंने कहा है कि पिछले दिनों हुई बैठक सिर्फ एक खानापूर्ति थी और इसमें जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देखा कि उन्हें संयोजक का पद नहीं मिला है. तब उन्होंने इस को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. 


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उन्होंने कहा कि यह सोचने वाली बात है कि जिस दल का कोई सांसद नहीं हो, आखिर उसे कोई प्रधानमंत्री पद का दावेदार या राष्ट्र स्तरीय गठबंधन में कोई प्रमुख पद पर कैसे सहमति दे सकता है. बिहार के चाहे राजद हो चाहे या जनता दल यू, इन्हें इडी गठबंधन में कोई खास तवज्जो मिलने वाली नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह गलतफहमी हो गई है कि पूरा देश उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार समझता है. 


उन्होंने कहा कि आज शिक्षक नियुक्ति के संबंध में लोगों को भरमाया जा रहा है और लाखों नौकरियां देने की दावे किए जा रहे हैं. लेकिन आम जनता इसको ठीक से समझ नहीं पा रही है अभी सिर्फ वही नियुक्तियां की गई हैं जो पहले नियोजित शिक्षक थे उन्हें सिर्फ राज्य कर्मी का दर्जा दिया गया है और चाचा भतीजे की जोड़ी अपना-अपना पीठ खुद थपथपा रहे हैं. 


उन्होंने कहा कि आज बिहार से न सिर्फ श्रम का बल्कि बुद्धि एवं पैसे का भी पलायन हो रहा है. बिहार के जो भी युवा है वह दूसरे प्रदेशों में जाकर अपना जौहर दिखा रहे हैं. लाखों करोड़ रुपये दूसरे प्रदेश में ट्रांसफर किए जा रहे हैं और यहां के लोग सुविधाओं से मरहूम हैं. 


गौरतलब है कि प्रशांत किशोर इन दिनों जनसुराज यात्रा के क्रम में बेगूसराय में है और इस माह के अंत तक बेगूसराय में ही रहेंगे. यहां वह विभिन्न पंचायत का भ्रमण कर रहे हैं एवं लोगों से मुलाकात कर रहे हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता अब समझ रही है कि बिहार में एक तीसरे विकल्प की आवश्यकता है. यहां जो वोट किये जा रहे हैं वह भाजपा विरोध में आरजेडी को दिए जा रहे हैं तथा राजद की वापसी से जंगल राज न आ जाए इसके लिए भाजपा को दिए जा रहे हैं. यहां लोग डरे हुए हैं और इसीलिए बिहार में एक बड़े परिवर्तन की आवश्यकता है.