दरभंगा: दरभंगा में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय परिवार के 52 वां स्थापना दिवस समारोह में भाग लेने आये पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रो राकेश सिन्हा ने वक्फ बोर्ड को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि देश में सेना एवं रेल के बाद वक्फ बोर्ड के पास सबसे बड़ी संपत्ति है. वक्फ बोर्ड की संपत्ति से मिलने वाले पैसों का समाज के हित में उपयोग होना चाहिए. वैष्णो देवी एवं तिरुपति के पैसे भी समाज हित में खर्चे होते हैं. वक्फ समिति में मुस्लिम महिलाओं की भागीदारी पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. आगे उन्होंने कहा की इस मामले पर ओवैसी को बोलने का हक नहीं है.


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इस मामले में पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रो राकेश सिन्हा ने कहा कि वक्फ बोर्ड की संपत्ति समाज की संपत्ति है. इस संपत्ति की एक समुदाय विशेष के कुछ कुलीनों के द्वारा जो दुरुपयोग हो रहा था,उसे दूर करना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सही कदम उठाए जा रहा है. एक तो महिलाओं की भागीदारी दी जा रही है. ओवैसी जैसे लोग जो सवाल खड़ा कर रहे हैं, वास्तव में वक्फ की प्रॉपर्टी का उपयोग इस देश में सांप्रदायिकता फैलाने एवं समाज को तोड़ने के लिए किया जाता था. अब इसका उपयोग समाज के हित में समाज के द्वारा किया गया है. सवाल यह है कि जब वैष्णो देवी एवं तिरुपति को मिलने वाला पैसा समाज के कल्याण के लिए खर्च होता है, तो वक्फ बोर्ड के लाखों करोड़ की संपत्ति का समाज के लिए सदुपयोग क्यों ना हो.


जब वक्फ बोर्ड की संपत्ति का समाज के हित के लिए उपयोग होगा, तो किसी को क्यों इस पर सवाल उठाने का मौका मिलेगा. वक्फ के पास सेना एवं रेल के बाद सबसे बड़ी संपत्ति है. उस संपत्ति का उपयोग, अभी तक लोगों को पता नहीं था. उस संपत्ति से जो पैसे मिलेंगे उससे समाज के कल्याण के लिए खर्च होते है. वक्फ समिति में मुस्लिम महिलाओं की भागीदारी बढ़ती है, तो इसका मुस्लिम समुदाय के लोगों को स्वागत करना चाहिए. मुझे लगता है कि वैष्णो देवी एवं तिरुपति के पैसे स्कूल, अस्पताल आदि समाज के हित में खर्च होते हैं तो हिंदू समुदाय को आपत्ति नहीं होती है, उसी तरह मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए.


इनपुट- मुकेश कुमार


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