पटना:Bihar Politics: रोहिणी आचार्य के ट्वीट के बाद महागठबंधन के हालात काफी तनावपूर्ण हो गए थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रोहिणी आचार्य के ट्वीट को लेकर सख्त रुख अपनाया और पूरी जानकारी मंगवा ली. इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया तो आनन फानन रोहिणी ने बिना किसी लागलपेट के अपने सारे पोस्ट डिलीट कर दिए. सिंगापुर में रहने वाली रोहिणी आचार्य बिहार की राजनीति पर पैनी नजर रखती हैं और यहां की हर खटपट को लेकर अपने विचार साझा करती हैं. नीतीश कुमार ने जब परिवारवाद पर हमला बोला, उसके बाद रोहिणी आचार्य ने बौखलाहट में एक के बाद एक तीन ट्वीट कर डाले थे.


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बुधवार को नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर के जन्मजयंती समारोह में परिवारवाद पर हमला बोला था और गुरुवार को सुबह सुबह रोहिणी आचार्य ने एक के बाद एक तीन पोस्ट कर डाले. इन तीनों पोस्टों में वैसे तो किसी का नाम नहीं लिखा गया है पर मजमून देखकर ऐसा लगता है कि इनमें सीएम नीतीश कुमार को निशाना बनाया गया है. रोहिणी के पोस्ट से यह भी जाहिर हो गया कि राजद और जेडीयू के बीच सब कुछ ठीक नहीं है. थोड़ी ही देर में रोहिणी के सारे पोस्ट मीडिया की सुर्खियां बन गए और अटकलें लगने लगीं कि महागठबंधन सरकार अब तब में गिर सकती है. यहां तक कि यह भी खबरें आने लगीं कि नीतीश कुमार विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं और इसके लिए वे कानूनी सलाह ले सकते हैं.


रोहिणी ने अपने पहले पोस्ट में लिखा था, अकसर कुछ लोग देख नहीं पाते हैं अपनी कमियां लेकिन किसी दूसरे पर कीचड़ उछालने को करते हैं बदतमीजियां. अगली पोस्ट में रोहिणी ने कहा, खीज जताए क्या होगा जब हुआ न कोई अपना योग्य. विधि का विधान कौन टाले, जब खुद की नीयत में ही हो खोट. तीसरे और अंतिम ट्वीट में रोहिणी ने लिखा, समाजवादी पुरोधा होने का करता वहीं दावा है, हवाओं की तरह बदलती जिनकी विचारधारा है. रोहिणी के ट्वीट में किसी का नाम तो नहीं लिया गया है लेकिन इसमें साफ जाहिर होता है कि नीतीश कुमार को निशाना बनाकर यह पोसट किए गए हैं.


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