राबड़ी ने माप तौल, मांझी ने नगर विकास तो नीतीश ने पंचायती राज मंत्री बनाया, बिहार की राजनीति में सम्राट चौधरी का रहा है जलवा
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राबड़ी ने माप तौल, मांझी ने नगर विकास तो नीतीश ने पंचायती राज मंत्री बनाया, बिहार की राजनीति में सम्राट चौधरी का रहा है जलवा

बिहार में लालू प्रसाद यादव के बाद तीन मुख्यमंत्री बने. राबड़ी देवी, नीतीश कुमार और जीतनराम मांझी. यह संयोग है या इत्तेफाक, सम्राट चौधरी इन तीनों की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. यहां तक कि राबड़ी देवी की सरकार में सम्राट चौधरी सबसे कम उम्र के मंत्री बनने का रिकॉर्ड बना चुके हैं.

सम्राट चौधरी, बिहार बीजेपी अध्यक्ष

बिहार में लालू प्रसाद यादव के बाद तीन मुख्यमंत्री बने. राबड़ी देवी, नीतीश कुमार और जीतनराम मांझी. यह संयोग है या इत्तेफाक, सम्राट चौधरी इन तीनों की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. यहां तक कि राबड़ी देवी की सरकार में सम्राट चौधरी सबसे कम उम्र के मंत्री बनने का रिकॉर्ड बना चुके हैं. बिहार की राजनीति में कम उम्र में इतना जलवा शायद ही किसी राजनेता का रहा है. खास बात यह रही कि जिस दल में सम्राट चौधरी गए, उसी के खास हो गए. राजद में थे तो लालू और राबड़ी का भरोसा कमाया. जेडीयू में गए तो नीतीश के खासमखास हो गए और बीजेपी में आए तो प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी तक जा पहुंचे. बता दें कि सम्राट चौधरी वरिष्ठ नेता शकुनी चौधरी के बेटे हैं और यह परिवार कुशवाहा बिरादरी से आता है, जिस पर आजकल सभी दलों की पैनी नजर है. शकुनी चौधरी भी बिहार के कद्दावर नेताओं में से एक रहे. वे बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष रहने के अलावा खगड़िया के सांसद भी रहे थे.

सम्राट चौधरी के राजनीतिक प्रोफाइल की बात करें तो 1999 में बिना किसी सदन के सदस्य होते हुए भी उन्हें माप तौल मंत्री बनाया गया था और इसके अलावा कृषि का भी प्रभार दिया गया था. सम्राट चौधरी पहली बार 2000 में परबत्ता से राजद की ओर से विधायक बने थे. 2005 का चुनाव वे तकनीकी कारणों से नहीं लड़ पाए थे. 2010 में उन्हें फिर से परबत्ता से टिकट दिया गया था और वे विधायक भी चुने गए थे. 2014 में वे राजद छोड़ जेडीयू में शामिल हो गए. जीतनराम मांझी की सरकार में उन्हें नगर विकास मंत्री बनाया गया था. नीतीश सरकार में उन्हें पंचायती राज मंत्री का पद दिया गया, लेकिन 2018 में वे बीजेपी में शामिल हो गए तो पार्टी ने उन्हें 2020 में एमएलसी बना दिया. अभी सम्राट चौधरी विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के पद को सुशोभित कर रहे हैं. 

अभी सम्राट चौधरी बिहार बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष होने के साथ साथ विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का पद संभाल रहे हैं. हो सकता है विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के पद से उन्हें त्यागपत्र देना पड़े, क्योंकि उन पर बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 और विधानसभा चुनाव 2025 जिताने की बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है. सम्राट चौधरी विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर बहुत मुखर रहे और सत्ता पक्ष के लिए मुश्किलें पैदा करते रहे हैं. सम्राट चौधरी को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा, मैं उन्हें बधाई और शुभकामनाएं देती हूं. 2024 और 2025 के चुनाव को लेकर राबड़ी देवी ने कहा कि यह जनता पर है कि वह किसे अपना आशीर्वाद देती है.

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