Bihar Congress: कर्नाटक जीत से उत्साहित कांग्रेस पार्टी ने अब 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. इसके तहत पार्टी अब बिहार में अपने संगठन को खड़ा करने में लगी है. हाल ही में पार्टी ने प्रदेश के सभी 39 जिलों में जिला अध्यक्ष नियुक्त किए थे, अब पार्टी ने विधानमंडल दल के नेता को बदल दिया है. पार्टी की ओर से इस पद पर अब कदवा विधायक डॉ शकील अहमद खान को बिठाया गया है. इससे पहले यह जिम्मेदारी भागलपुर विधायक अजीत शर्मा निभा रहे थे.


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शकील अहमद खान के नाम की घोषणा बिहार के पूर्व प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने की. उन्हें पार्टी आलाकमान की ओर से विधानमंडल दल के नेता चयन के लिये आब्जर्वर नियुक्त किया गया था. इस फैसले को लेने के लिए शक्ति सिंह गोहिल ने पार्टी विधायकों की एक बैठक बुलाई थी. इस बैठक में पार्टी के 19 में से केवल 8 विधायक ही शामिल हुए. बैठक से 11 विधायकों की दूरी अपने आप में बहुत कुछ संकेत दे रही है. 


कौन हैं शकील अहमद खान?


बता दें कि शकील अहमद खान मूलरूप से कटिहार के काबर कोठी गांव के रहने वाले हैं और मौजूदा समय में कटिहार के कदवां से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं. वह इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं. इसके अलावा वो जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं. पटना यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट, जेएनयू से एमफिल, पीएचडी की डिग्री लेने वाले शकील अहमद खान कुछ समय के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर भी रहे हैं.


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2024 से पहले कांग्रेस का बड़ा दांव


कांग्रेस आलाकमान ने 2024 को देखते हुए पार्टी की ओवरहॉलिंग शुरू कर दी है. पिछले साल की डॉ अखिलेश सिंह को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सौंपी गई थी. हाल ही में प्रदेश के सभी 39 जिलों में जिला अध्यक्ष नियुक्त किए थे. जिसमें ज्यादातर सवर्णों को शामिल किया गया था. इसी के बाद से कयास लगाए जाने लगे थे कि अब पार्टी की ओर से विधानमंडल दल के नेता पद का जिम्मा किसी अल्पसंख्यक नेता को सौंपा जा सकता है. अब शकील अहमद खान के सहारे पार्टी अल्पसंख्यकों का वोट पाने की कोशिश करेगी.