देश में अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ हैं. यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से हर धर्म के लिए एक जैसा कानून आ जाएगा.
Trending Photos
Uniform Civil Code News: पीएम मोदी एक बार फिर से जनता की अदालत में पेश होने वाले हैं. तब जनता उनके कामकाज का हिसाब-किताब करेगी. इस रिपोर्ट कार्ड में उनके 2019 के वादों को भी चेक किया जाएगा. साथ ही बीजेपी के उन मुद्दों को भी जांचा जाएगा जो उसके मूल एजेंडे में शामिल रहे हैं. इन एजेंडों में राम मंदिर, धारा-370 और समान नागरिक संहिता मुख्य हैं. मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में राम मंदिर और कश्मीर से आर्टिकल-370 को हल कर लिया है, अब सिर्फ यूसीसी बचा है.
राम मंदिर के निर्माण और आर्टिकल-370 को निष्प्रभावी करने के बाद अब बहुत लोगों को लग रहा है कि बीजेपी सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड के अपने वादे को पूरा करेगी. माना जा रहा है कि 2024 से पहले पीएम मोदी अपनी पार्टी की तीसरी कसम को भी पूरा कर सकते हैं. 2019 में सत्ता में वापसी करने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा था कि अगले 3-4 साल में नरेंद्र मोदी की सरकार वह सारे काम पूरा कर लेगी जो उन्होंने देश की जनता से वादा किया है. कोई भी वादा अधूरा नहीं रहेगा.
यूसीसी पर बीजेपी का स्टैंड
पिछले कुछ समय से समान नागरिक संहिता को लेकर बीजेपी मुखर हुई है और उत्तराखंड के अलावा गुजरात में इस कानून को लागू करने के लिए मंथन चल रहा है. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने तो अगले कुछ दिनों में यूसीसी लागू करने का ऐलान भी कर दिया है. तो क्या यह माना जाए कि नई संसद में पहले बिल के रूप में मोदी सरकार समान नागरिक संहिता बिल पेश करने वाली है. यह देखना बाकी होगा.
ये भी पढ़ें- Bihar: कन्हैया से तेजस्वी को एलर्जी तो CM नीतीश की बैठक से नदारद रहे तेज प्रताप, क्या गिरने वाली है महागठबंधन सरकार?
क्या है यूनीफॉर्म सिविल कोड?
यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है देश में हर नागरिक के लिए एक समान कानून. देश में अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ हैं. यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से हर धर्म के लिए एक जैसा कानून आ जाएगा. हिंदू हो, मुसलमान, सिख या ईसाई सबके लिए शादी, तलाक,पैृतक संपत्ति जैसे मसलों पर एक तरह का कानून लागू हो जाएगा. शादी, तलाक,पैृतक संपत्ति जैसे मसलों पर एक तरह का कानून लागू हो जाएगा. यूसीसी पर देश में हमेशा से विरोध भी होता रहा है. विरोधियों का यही कहना रहा है कि ये सभी धर्मों पर हिंदू कानून को लागू करने जैसा है.