Shankar Singh Profile: पूर्णिया जिले की रुपौली विधानसभा के उपचुनाव में निर्दलीय शंकर सिंह ने दलीय प्रत्याशियों को को मात देकर सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों को अचंभे में डाल दिया है. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी जेडीयू के कलाधर मंडल को 8,204 वोटों से मात दी. वहीं रुपौली की पूर्व विधायक और आरजेडी प्रत्याशी बीमा भारती तीसरे नंबर पर रहीं. निर्दलीय शंकर सिंह को कुल 67,782 वोट मिले तो वहीं जेडीयू के कलाधर मंडल को 59,578 और राजद की बीमा भारती को 30,114 वोट प्राप्त हुए. इस तरह से शंकर सिंह ने 8,204 वोटों से जीत हासिल की. इसके बाद से शंकर सिंह सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं. 


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बता दें कि शंकर सिंह नॉर्थ बिहार लिबरेशन आर्मी के कमांडर रहे हैं. 2000 में नॉर्थ बिहार लिबरेशन आर्मी के संस्थापक बूटन सिंह की पूर्णिया में हत्या के बाद शंकर सिंह ने इसकी कमान संभाली थी. इस संगठन को राजपूत मिलिशिया भी कहा जाता था. शंकर सिंह के कार्यकाल में इस संगठन पर लोगों को डराने-धमकाने और बूथ कैप्चरिंग करने के आरोप लगे थे. वहीं राजनीति में कदम 2005 में लोक जनशक्ति पार्टी के साथ रखा था. तत्कालीन लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान ने उन्हें 2005 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में रुपौली से चुनाव लड़वाया था. जिसे जीतकर वह विधानसभा पहुंचे थे. हालांकि, उस चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलने के कारण 6 महीने बाद फिर से चुनाव हुए और इस बार वे जेडीयू प्रत्याशी से हार गए थे. 


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इसके बाद उन्होंने 2010, 2015 और 2020 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हर बार हार का सामना करना पड़ा. इस उपचुनाव में लोजपा (रामविलास) से टिकट नहीं मिलने पर बागी हो गए और निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए और जीत हासिल की. शंकर सिंह के करीबियों के मुताबिक, उन्हें अपनी जनता पर पूरा भरोसा था. उन्हें पता था कि अगर वह इस बार के चुनाव में निर्दलीय भी मैदान में उतरे तो उन्हें जीतने से कोई नहीं रोक सकता. जनता के विश्वास के बदौलत ही वह इस बार के चुनाव में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार लड़े थे. साथ ही इस सीट से धमाकेदार जीत दर्ज की.