पटना: बिहार विधान परिषद के उपसभापति एवं आचार समिति के अध्यक्ष रामवचन राय ने गुरुवार को राजद के मुख्य सचेतक डा. सुनील कुमार सिंह के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. रामवचन राय ने उनके खिलाफ सदन पटल पर उनकी सदस्यता समाप्त करने का प्रतिवेदन रख दिया. आचार समिति ने राजद के मुख्य सचेतक की सदस्यता समाप्त करने की अनुशंसा की है. इसके साथ ही यह साफ हो गया कि सुनिल की विधान परिषद सदस्यता पर अब तलवार लटक गई है.


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जिसके बाद शुक्रवार को अब सदन में सभापति अवधेश नारायण सिंह द्वारा सुनील सिंह की सदस्यता समाप्त करने की घोषणा की मात्र औपचारिकता ही बाकी रह गई है. इससे पहले नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी ने सदन पटल पर रामवचन राय द्वारा प्रतिवेदन रखे जाने की सूचना पर विस्तृत जानकारी सभापति उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. सभापति ने इस पर कहा कि प्रतिवेदन की प्रति आपको उपलब्ध करा दी जाएगी. वहीं, दूसरे विधान पार्षद डा. कारी सोहेब को इस मामले में सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है. समिति ने दोनों सदस्यों को लेकर की गई अलग अलग अनुशंसा में अपनी स्थिति साफ कर दी है.


बता दें कि सुनील पर यह कार्रवाई सदन में बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री का मिमिक्री कर मजाक उड़ाने के मामले में की गई है. यह प्रकरण बजट सत्र के दौरान 13 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सदन में अशोभनीय व्यवहार से जुड़ा हुआ था. जिसमें भीष्म साहनी की मांग पर जांच समिति बनाई गई थी. जांच समिति ने वीडियो की जांच के बाद इसके आरोपों को सत्य पाया था. समिति ने अपने रिपोर्ट में बताया कि घटना-क्रम के आरोपित दोनों सदस्यों के कृत्य और उसके घनत्व का आकलन किया जाए. जांच के दौरान मो. सोहैब की अपेक्षा डा. सुनिल कुमार सिंह का कृत्य अधिक एक गंभीर है.


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