पटना: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी महागठबंधन की सरकार पर लगातार हमलावर हैं. उन्होंने एक बार फिर से महागठबंधन की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सुशील मोदी ने ये दावा किया है कि 16 मंत्रियों में 14 मंत्री दागदार हैं और उन पर बेहद गंभीर आरोप हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार पर भी गंभीर मामले हैं और फिर भी उन्हें कानून मंत्री बना दिया गया है. वहीं सुशील मोदी के इस बयान के बाद राज्य में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है.


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जदयू ने किया पलटवार
सुशील मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि जब हम एनडीए सरकार में जब हम बीजेपी के साथ थे तो हम दागी नहीं थे. एनडीए से बाहर होते ही महागठबंधन के लोग अब दागी होने लगे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो वादा किया था उसे वह पूरा कर रहे हैं. बीजेपी खुद को सिद्ध कर चुकी है कि वह झूठा वादा करती है हमारे मुख्यमंत्री जहां 20 लाख रोजगार देने का वादा कर रहे हैं बीजेपी अपने करोड़ों नौकरी देने का वादा शायद भूलने लगी है


आरोप साबित होने पर कार्रवाई
वहीं सुशील मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि बीजेपी के नेता सत्ता से बाहर होते ही मानसिक संतुलन खो बैठे हैं. इसलिए वो अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं. अगर हमारे किसी भी मंत्री पर आरोप सिद्ध होता है तो कार्रवाई होगी अब वो दिन नहीं जब आरजेडी को बदनाम करके बीजेपी राजनीतिक रोटी सेंकती थी. अगर विधि मंत्री पर आरोप साबित होगा तो कार्रवाई तय है. 


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सुशील मोदी के बयानों को कोई गंभीरता से नहीं लेता
पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस से एमएलपी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि सुशील मोदी के बयानों को कोई गंभीरता से नहीं लेता है. उनकी अपनी पार्टी ही उनके बयान को गंभीरता से नहीं लेती है. सबसे बड़ी बात है कि सत्ता से बाहर होने के बाद बीजेपी में बेचैनी हो गई है. राजनीतिक व्यक्तियों पर आरोप लगते हैं कानून अपना काम करती है. प्रेमचंद मिश्रा ने बीजेपी को सलाह देते हुए कहा है कि बीजेपी को सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए.