बड़े सियासी घराने की तीन महिलाएं मारेंगी बिहार की राजनीति में एंट्री! ऐसे बदलेगा माहौल
वैसे तो बिहार की राजनीति में महिला राजनेताओं की कोई कमी नहीं रही है और ना ही उनकी दखल बिहार की राजनीति में कम रही है. बिहार में राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री के तौर पर सत्ता तक चलाई है. फिर भी यहां राजनीति में अधिकतर उन्हीं महिलाओं ने एंट्री मारी जिनके परिवार का राजनीति से जुड़ाव रहा है.
पटना: वैसे तो बिहार की राजनीति में महिला राजनेताओं की कोई कमी नहीं रही है और ना ही उनकी दखल बिहार की राजनीति में कम रही है. बिहार में राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री के तौर पर सत्ता तक चलाई है. फिर भी यहां राजनीति में अधिकतर उन्हीं महिलाओं ने एंट्री मारी जिनके परिवार का राजनीति से जुड़ाव रहा है. बता दें कि हाल ही में जेल मैनुएल में बदलाव की वजह से चर्चा में आए आनंद मोहन भी जब राजनीति में सक्रिय हुए और सांसद बने तो अपनी पत्नी लवली आनंद को राजनीति में ले आए. ऐसे बिहार में कई उदाहरण है. लेकिन इन दिनों तीन ऐसी महिलाओं के नाम चर्चा में हैं जो बड़े राजनीतिक धरानों से तो आती ही हैं उनके राजनीति में एंट्री मारने से बिहार का सियासी गणित बदल जाएगा.
बता दें कि बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया रहे राम विलास पासवान की मौत के बाद उनकी पार्टी में बिखराव हो गया. भाई पशुपति कुमार पारस और बेटे चिराग पासवान के बीच सबकुछ सामान्य नहीं है. ऐसे में बिहार में प्रदेश की राजनीति में जल्द ही राम विलास पासवान की विधवा और लोजपा (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान की मां रीना पासवान भी आ सकती हैं ऐसी चर्चा है. सूत्रों की मानें तो रीना पासवान को इसके लिए बेटे चिराग पासवान ने मना लिया है. जबतक रामविलास पासवान जिंदा रहे रीना सियासत से दूर ही रही. ऐसे में अब संभावना जताई जा रही है कि वह अपने पति की सीट हाजीपुर से ही चुनाव लड़ेंगी.
वहीं एक दूसरा नाम जो इन दिनों चर्चा में है वह है नीतीश के बेहद करीबी रहे और अब दुश्मन नंबर एक उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता का. वह उपेंद्र कुशवाहा के साथ राजगीर में पार्टी के चिंतन शिविर में थी और वहां से पहला सियासी भाषण भी दिया था. हालांकि कुशवाहा की तरफ से स्नेहलता के राजनीति में आने के संकेत तो नहीं मिले लेकिन राजनीतिक मनंच से स्नेहलता की सियासी भाषणबाजी ने इस ओर इशारा जरूर कर दिया. लेकिन इ बार कुशवाहा का दाव थोड़ा उल्टा पड़ता दिखाई दिया. क्योंकि कुशवाहा की पत्नी नीतीश के नाम का गुणगान करती नजर आईं. यह उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता हो सकती है जो धीरे-धीरे सियासी दाव पेंच देखते-देखते वह सीख जाएंगी.
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वहीं लालू यादव के परिवार से तो कई सियासी महिला चेहरे उभरकर सामने आए. इसमें से मीसा भारती और राबड़ी देवी तो अभी भी सक्रिय राजनीति में हैं. ऐसे में अब लालू परिवार से एक चौंकानेवाला नाम सियासी गलियारे में गूंजने वाला है. अब यह कयास लगाया जा रहा है कि बहुत जल्द ही तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री यादव भी राजनीति के मैदान में एंट्री मारनेवाली हैं. लालू परिवार इसके पीछे क्या सोच रहा है यह भी स्पष्ट है क्योंकि जिस तरह एजेंसियों के शिकंजे में पूरा परिवार है ऐसे में राजश्री को सक्रिय राजनीति में लाने का लालू परिवार मन बना चुका है. राजश्री को लाने के पीछे की मंशा भी यही है कि वह बेदाग हैं और लालू परिवार की बहु हैं.