पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शनिवार को राजद पर जोरदार निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि राजद सरकार में राज्य के लोगों ने परीक्षा में घोटाला मॉडल को देखा है. वर्ष 1990 से 2005 के बीच नियुक्त बिहार लोक सेवा आयोग के कई अध्यक्षों पर आरोप लगा. पद पर रहते दो अध्यक्षों को जेल भेजा गया. रामाश्रय यादव पर जमीन देकर अध्यक्ष पद लेने का भी आरोप लग चुका है. सिन्हा ने कहा कि नीट प्रश्नपत्र लीक मामले में राजद और उनसे जुड़े लोगों का हाथ होने का आरोप आश्चर्यजनक नहीं है. जिस तरह नेचर, सिग्नेचर नहीं बदलता है, ये भी बदलने वाले नहीं हैं.


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उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते हुए कहा कि उनके सचिव प्रीतम कुमार पर लगे आरोप, ईओयू द्वारा पूछताछ का समन, प्रश्नपत्र लीक मामले के आरोपी अनुराग, सिकंदर से प्रीतम का कनेक्शन और लालू-राबड़ी आवास में सिकंदर की बेरोकटोक आवाजाही पर स्थिति स्पष्ट करने के बजाय वे अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं. राजद नेता तो आरोपी सिकन्दर को भी क्लीन चिट दे रहे हैं.


उप मुख्यमंत्री सिन्हा ने कहा कि राजद जब सरकार में थी तब 2017 में बिहार स्टाफ सेलेक्शन कमीशन में भर्ती घोटाला सामने आया था. इसके किंगपिन रामाशीष राय थे. उस दौर में दिवंगत सुशील मोदी ने 2017 में मांग की थी कि एसआईटी लालू प्रसाद यादव से पूछताछ करे. लेकिन, सत्ता में रहने के कारण पूछताछ नहीं हुई. उन्होंने कहा कि परीक्षा घोटाला, भर्ती घोटाला, मेधा घोटाला, सिपाही भर्ती घोटाला, पशुपालन घोटाला, अलकतरा घोटाला सभी राजद के शासनकाल की देन है.


सिन्हा ने कहा, "एनडीए सरकार ने परीक्षा धांधली रोकने के लिए कठोर कानून अधिसूचित कर दिया है. राज्य सरकार भी कठोर कानून की व्यवस्था बनाने में लगी है. बिहार सरकार नीट में धांधली की जांच को पूरा करने और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई में लगी है."


इनपुट- आईएएनएस


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