Bihar OBC Caste Economic Report: बिहार की महागठबंधन सरकार ने मंगलवार (7 नवंबर) को जातीय सर्वे में आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी कर दी है. इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, सामान्य वर्ग (General) में सबसे कम गरीब परिवारों की संख्या है, जबकि अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के आर्थिक हालात सबसे ज्यादा खराब हैं. रिपोर्ट में ओबीसी वर्ग में आने वाली जातियों की आर्थिक स्थिति को भी बताया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव दोनों इसी वर्ग में आते हैं. आइए जानते हैं कि नीतीश और तेजस्वी के जाति वाले लोगों की आर्थिक स्थिति कैसी है?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में पिछड़ा वर्ग की आबादी 27 फीसदी है. लालू यादव के 15 साल और उसके बाद 17 साल से नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री रहने के बाद भी इस वर्ग की 33.16% आबादी गरीब है. यादव और कुर्मी भी आर्थिक लिहाज से अभी तक काफी पीछे हैं. रिपोर्ट के अनुसार कुर्मियों की 29.90% आबादी गरीब है. वहीं यादवों की हालात तो और भी खराब है. यादवों में 35.87% परिवार गरीब हैं. इन रिपोर्ट के बाद साफ हो गया कि लालू यादव और नीतीश कुमार ने अपनी जाति के लोगों का भी ध्यान नहीं रखा. 


ये भी पढ़ें- Bihar Caste Survey Economic Report: 'भू,रा,बा,ल' वालों की आर्थिक सर्वे में क्या है हकीकत?


पिछड़ा वर्ग के जातियों की आर्थिक स्थिति


पिछड़ा वर्ग में आने वाली भट्ट में 23.68% परिवार, गोस्वामी में 30.68% परिवार, कुशवाहा में 34.32% परिवार, यादव 35.87% परिवार, कुर्मी में 29.90% परिवार, घटवार में 44.17 % परिवार, सोनार में 26.58% परिवार, मल्लाह में 32.99% परिवार, बनिया में 24.62% परिवार, मल्लिक, मुस्लिम में 17.26% परिवार, सूर्यापुरी मुस्लिम में 29.33%, ईसाई (अन्य पिछड़ी जाति) में 15 .79% परिवार, ईसाई धर्ममलम्बी हरिजन 29 .12% परिवार और किन्नर में 25.73% परिवार गरीब हैं.


ये भी पढ़ें- Bihar Caste Survey Economic Report: सामान्य वर्ग में भूमिहार सबसे ज्यादा गरीब, आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में अनुसूचित जाति का हाल खराब


ज्यादातर आबादी की इनकम सिर्फ ₹6 हजार


रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार में 6,000 रुपये तक कमाने (सभी श्रोतों से प्राप्त आय) वाले परिवार की संख्या 94,42,786 यानी 34.13 फीसदी है. ₹6,000 से ₹10,000 के बीच आय वालों की आबादी 29.61 फीसदी है. वहीं ₹10,000 से ₹20,000 रुपए की आय वालो की संख्या 18.6 फीसदी है. वहीं, ₹20,000 से 50,000 आय वालो की संख्या 9.8 फीसदी बताई गई है. ₹50,000 से अधिक की आय वालों की संख्या सिर्फ 3.90 फीसदी है. यानी बिहार की ज्यादातर आबादी की इनकम सिर्फ 6 हजार रुपये या उससे कम है. इस रिपोर्ट में 4.47 फीसदी परिवार ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने आय का स्त्रोत जाहिर नहीं किया है.