पटना:Bihar Politics: 28 जनवरी को एनडीए में शामिल होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बीजेपी के साथ नौंवी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके साथ ही बीजेपी अब सत्ता में वापस आ गई है और बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) को विधायक दल का नेता चुनते हुए उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया है. सम्राट चौधरी के राज्य का उपमुख्यमंत्री बनने के साथ ही बीजेपी में अब नया प्रदेश अध्यक्ष बनने की भी चर्चा जोरों पर चलने लगी है. ये तो तय माना जा रहा है कि सम्राट चौधरी को उपमुख्यमंत्री का पद मिलने के बाद बीजेपी के किसी और नेता को प्रदेश अध्यक्ष का पद मिलेगा, लेकिन वह नेता कौन होगा? इसको लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं के मन में संशय बना हुआ है.


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केंद्रीय नेतृत्व बिहार में अब किस नेता पर भरोसा करने वाला है? बिहार में बीजेपी का बागडोर किसे देने वाली है. ये सवाल लगातार बना हुआ है. हालांकि कोई भी नेता इस पर अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. बिहार बीजेपी के प्रदेश कार्यालय के एक नेता ने नाम नहीं देने की शर्त पर बताया कि प्रदेश अध्यक्ष के लिए भी पार्टी में  चर्चा अब तेज हो गई है और दो चेहरे ऐसे हैं जो लगातार इस कोशिश में लगे हुए हैं कि प्रदेश अध्यक्ष का कमान उन्हें मिले. इनमें पिछड़ा समाज से आने वाले पूर्व मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद और अति पिछड़ा समाज से आने वाले दीघा के विधायक संजीव चौरसिया शामिल हैं. प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए दोनों केंद्रीय नेतृत्व से सिफारिश भी करने लगे हैं और इसको लेकर दिल्ली के कई नेताओं से ये दोनों संपर्क में भी लगे हुए हैं.


हालांकि बीजेपी के एक नेता ने कहा कि इस पर फिलहाल ज्यादा मंथन नहीं किया जा रहा है. बिहार में एनडीए की सरकार बन गई है, लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ है और बीजेपी कोटे से  8 से 10 और मंत्री अभी बन सकते हैं. ऐसे में जो भी बड़े नेता हैं पहले मंत्री पद की फिराक में हैं. अगर मंत्री पद नहीं मिलता है तो फिर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए प्रयास करेंगे, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष कौन हो होगा इसके लिए कुछ भी कहना मुश्किल है.


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