क्या बिहार के योगी आदित्यनाथ बन पाएंगे सम्राट चौधरी, बीजेपी उन्हें सीएम उम्मीदवार तो बनाने नहीं जा रही?
बिहार में शकुनी चौधरी के बेटे और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी को बीजेपी को कमान दी गई है. वे दिल्ली में आला नेताओं से आशीर्वाद लेकर पटना भी लौट आए हैं, जहां उनका भव्य स्वागत हुआ और पूरे पटना को पोस्टरों से पाट दिया गया है. जगह-जगह तोरणद्वार बनाए गए थे.
बिहार में शकुनी चौधरी के बेटे और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी को बीजेपी को कमान दी गई है. वे दिल्ली में आला नेताओं से आशीर्वाद लेकर पटना भी लौट आए हैं, जहां उनका भव्य स्वागत हुआ और पूरे पटना को पोस्टरों से पाट दिया गया है. जगह-जगह तोरणद्वार बनाए गए थे. जिस तरह सम्राट चौधरी का अभिनंदन पार्टी की ओर से किया गया, उससे लग रहा है कि पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री पद के अगला प्रत्याशी मान चुकी है. हालांकि अभी पार्टी की ओर से अभी उन्हें केवल प्रदेश अध्यक्ष ही बनाया गया है. हालांकि जिस तरह से कुशवाहा वोटरों का बीजेपी की ओर रुझान बढ़ा है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि बीजेपी सम्राट चौधरी को नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के मुकाबले के लिए उतार सकती है.
बिहार में सम्राट चौधरी के लिए जो पोस्टर लगाए गए हैं, उसमें यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि सम्राट चौधरी बीजेपी के लिए प्रदेश के योगी आदित्यनाथ साबित हो सकते हैं. इस पर राजनीतिक विश्लेषक ध्यान देंगे तो बहुत परतें खुलती चली जाएंगी लेकिन सामान्य नजर से देखेंगे तो यह बेहद सामान्य ही नजर आएगा. यह पोस्टर जाहिर है यूं ही नहीं लगाया गया है. इस पोस्टर के पीछे कोई तो मंशा रही होगी. एक पोस्टर तो बीजेपी कार्यालय के ठीक सामने लगाया गया था, जिसमें लिखा गया था- बिहार का योगी आ गया सम्राट भैया 1 अणे मार्ग खाली करो.
तो क्या हम यह मान लें कि बीजेपी सम्राट चौधरी को बिहार में योगी आदित्यनाथ की तरह प्रोजेक्ट करना चाहती है या प्रोजेक्ट करने जा रही है. दरअसल, बिहार बीजेपी के साथ एक मजबूरी यह है कि नीतीश और तेजस्वी के बरक्स उसके पास कोई नेता नहीं है जो अपने दम पर प्रदेश की राजनीति और जनता के दिलों में उतर सके. और न ही बिहार बीजेपी के पास कोई ऐसा नेता है, जो किसी जाति या समूह पर अपनी उस तरह की पकड़ रखता है, जिस तरह की पकड़ नीतीश कुमार कुर्मी वोटों पर और तेजस्वी यादव मुस्लिम और यादव वोटों पर रखते हैं.
यह भी हो सकता है कि सम्राट चौधरी के समर्थकों ने बीजेपी आलाकमान को संदेश देने के लिए इस तरह के पोस्टर लगाए हों. वैसे भी बिहार की राजनीति हो या देश की, पोस्टरों के माध्यम से अपनी बात आलाकमान तक पहुंचाने का तरीका वर्षों से अपनाया जाता रहा है. अब यह सम्राट चौधरी पर निर्भर करता है कि वे किस तरह आलाकमान के मंसूबों पर खरा उतरते हैं और पार्टी के सामने मौजूद चुनौतियों से किस प्रकार निपटते हैं.
एक बात तो तय है कि बिहार में बीजेपी को एक नेता अरसे से चाहिए पर उसकी तलाश पूरी नहीं हो पा रही है. देखना यह है कि सम्राट चौधरी केवल पोस्टर में ही योगी बने हैं या फिर कुछ करके दिखाते भी हैं. हालांकि इस बारे में बिहार बीजेपी के नेताओं का कहना है कि अभी बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री के चेहरे पर कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है.