पटना: पटना पुलिस ने एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के पक्ष में शुक्रवार को निकाले गए एक जुलूस में पाकिस्तान के पक्ष में नारेबाजी करने के आरोप में शनिवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।


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जाकिर नाइक के मामले में बिहार सरकार के हस्तक्षेप करने की मांग को लेकर ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ के बैनर तले शुक्रवार को पटना साईंस कॉलेज के समीप से निकाले गए एक जुलूस में शामिल कुछ लोगों को पाकिस्तान के पक्ष में नारेबाजी करते हुए टीवी चैनलों पर प्रमुखता से दिखाये जाने पर पुलिस हरकत में आयी।


पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने बताया कि इस मामले में तौफीक नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। बिहार के पुलिस महानिदेशक पी के ठाकुर ने कहा कि इस मामले में साक्ष्य इकमहामेधा करने के लिए पुलिस द्वारा उक्त वीडियो का अवलोकन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मामले की पडताल के लिए बिहार पुलिस केंद्रीय एजेंसियों के साथ भी समन्वय कर रही है।


पटना के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महराज ने बताया कि उक्त जुलूस निकाले जाने के लिए पहले से अनुमति नहीं प्राप्त की गयी थी। हाल में बंगलादेश में आतंकी हमले में 20 लोगों से अधिक की मौत मामले में जाकिर नाइक का नाम आया था। इस बीच प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने पटना में निकाले गए इस विवादित जुलूस को लेकर राज्य सरकार पर प्रहार किया है।


बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील ने आरोप लगाया है कि राजधानी पटना की सडक पर पाकिस्तान समर्थक नारेबाजी और जाकिर नाइक के महिमामंडन ने फिर साबित किया कि नीतीश सरकार न केवल आतंकवादियों के प्रति नरमी बरत रही है, बल्कि उनका दुस्साहस बढा कर फिर से राज्य को आतंकी घटनाओं का आसान निशाना बनाने पर तुली है। 


उन्होंने पूछा है कि नीतीश कुमार बतायें कि भडकाउ भाषणों के कारण जिस जाकिर नाइक को बंगलादेश, ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा ने प्रतिबंधित कर दिया है, उसके समर्थन में पटना में जुलूस कैसे निकला? सुशील ने आरोप लगाया कि बिहार के लोग भूले नहीं है कि तीन साल पहले नीतीश कुमार शासनकाल में दरभंगा, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर आतंकी मोडयूल के ठिकाने बन गए थे। 


नेपाल के समीप पूर्वी चंपारण जिला के रक्सौल से आतंकी यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद बिहार पुलिस ने बिना पूछताछ किये ही उसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के हवाले कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि आतंकवाद पर नीतीश सरकार के इसी ढीले रवैये का परिणाम पहले बोधगया में और फिर पटना में भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र मोदी की गांधी मैदान की रैली में सिलसिलेवार धमाकों के रूप में सामने आया था।