समाज कल्याण विभाग को एक रिपोर्ट भी सौंपी गई थी. जिसमें यह सुझाव दिया गया था कि बालिका गृह खाली किया जाना चाहिए.
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पटनाः बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में खुलासों का दौर जारी है. सीबीआई मामले की जांच में जुटी है. सीबीआई इस मामले मुजफ्फरपुर से लेकर समाज कल्याण विभाग तक छानबिन कर रही है. बता दें कि इस मामले में पहले ही समाज कल्याण विभाग पर आरोप लगाया जा चुका है.
दरअसल समाज कल्याण विभाग की मंत्री मंजू वर्मा के पति पर आरोप लगाया गया था कि वह मुजफ्फरपुर बालिका गृह अक्सर आया करते थे. इस आरोप के बाद से प्रदेश में विपक्ष लगातार सियासत कर रही है और समाज कल्याण मंत्री से इस्तीफे की मांग की जा रही है. हालांकि मंत्री ने कहा था कि अगर आरोप साबित होता है तो वह पद ही नहीं बल्कि राजनीति ही छोड़ देंगी.
अब समाज कल्याण विभाग से जुड़े इस मामले में बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने नई बात बताई है. आयोग की बिहार अध्यक्ष डॉ एच कौर ने बताया कि वह साल 2017 में मुजफ्फरपुर बालिका गृह दिखने गई थी तो देखा था कि वहां लड़कियों को अंदर बंद रखा गया है. उन्होंने इस पर सवाल भी किया था.
उन्होंने पूछा कि लड़कियों को ऐसे बंद क्यों रखा गया है, तो कहा गया कि लड़कियां भाग जाएंगी इसलिए उन्हें बंद रखा गया है. इसके अलावे उन्होंने बताया कि 51 लड़कियां यहां बिना किसी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के छोटे परिसर में रह रहीं थी. लड़कियां वहां डरी हुई थी.
आयोग अध्यक्ष ने बताया कि इस बारे में समाज कल्याण विभाग को एक रिपोर्ट भी सौंपी गई थी. जिसमें यह सुझाव दिया गया था कि बालिका गृह खाली किया जाना चाहिए. वहां बच्चियां बिना किसी सुविधा के साथ रह रहीं हैं. उन्हें बंद कर रखा जा रहा है.
51 girls were staying in a small premises with no education or health facilities. The girls appeared scared. We had submitted a report to social welfare Dept suggesting that the shelter home should be vacated: Dr H Kaur, Pres, Bihar State Commission for Protection of Child Rights pic.twitter.com/aKdnolSIEA
— ANI (@ANI) August 3, 2018
बहरहाल आयोग के इस बयान से साफ है कि समाज कल्याण विभाग को पहले से ही मुजफ्फरपुर बालिका गृह के बारे में शिकायत मिल रही थी. जिसके बावजूद यहां कड़ा निरीक्षण नहीं किया जा रहा था. वहीं, बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने फैसला लिया है कि हर जिले में एक जांच कमेटी का गठन किया जाएगा. जो अल्पावास गृह का निरीक्षण कर गड़बड़ी देखने पर समाज कल्याण विभाग को रिपोर्ट करेगा.