Patna: नीतीश कुमार के एनडीए गठबंधन से बाहर होने के बाद नीतीश कुमार-तेजस्वी यादव महागठबंधन सरकार के खिलाफ शंखनाद करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंच रहे हैं. नीतीश कुमार के खिलाफ शंखनाद की शुरुआत करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के उस सीमांचल इलाके को चुना है जिसे अल्पसंख्यक बहुल होने के कारण महागठबंधन का मजबूत इलाका माना जाता है. लेकिन अमित शाह अपने इस दो दिवसीय दौरे के दौरान इसी सीमांचल के पूर्णिया जिले में जन भावना महासभा यानी एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगे और किशनगंज में पार्टी नेताओं के साथ बड़ी बैठक कर चुनावी जीत हासिल करने की रणनीति पर चर्चा भी करेंगे.इस दौरे से पहले भाजपा के कई नेताओं ने कार्यक्रम स्थल और बाकी चीजों का जायजा भी लिया है. आइये जानते हैं गृह मंत्री अमित शाह का मिनट टू मिनट कार्यक्रम: 


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23 सितंबर को अमित शाह का कार्यक्रम 


23 सितंबर को वो पूर्णिया के चुनापुर हवाई अड्डा पर सुबह 10:00 से 10:30 के बीच में उतरेंगे.
इसके बाद वो सीधा पूर्णिया के इंदिरा गांधी स्टेडियम आएंगे.
11:30 से जन भावना रैली है, इस जनसभा को वो संबोधित करेंगे.
इस जनसभा के बाद वो सीधा पूर्णिया के चूनापुर हवाई अड्डा जाएंगे. यहां से हेलीकॉप्टर से किशनगंज जाएगे.
इसके बाद वो किशनगंज में शाम 4 बजे माता गुजरी विश्वविद्यालय में बिहार बीजेपी के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.
फिर वो किशनगंज में शाम 5 बजे माता गुजरी विश्वविद्यालय में बिहार बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक में हिस्सा लेंगे और वो रात यहीं गुजारेंगे.


24 सितंबर 4 कार्यक्रम


वो सुबह 9:30 बजे किशनगंज में सुभाष पल्ली काली माता मंदिर में पूजा करेंगे.
इसके बाद वो किशनगंज में सुबह 10:30 बजे एसएसबी कैंपस बीओपी का दौरा करेंगे और इस भवन का उद्घाटन भी करेंगे.
किशनगंज में दोपहर 12 बजे बीएसएफ कैंप में अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.
किशनगंज में दोपहर 3:30 बजे माता गुजरी विश्वविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित कार्यक्रम सुन्दर सुभूमी में शिरकत करेंगे.


अमित शाह के इस दौरे से एक दिन पहले पीएफआई के खिलाफ देश भर में उठाए गए सख्त कदम का भी सकारात्मक असर इस दौरे के दौरान दिखाई दे सकता है. दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने बल पर 35 प्लस सीट जीतने का लक्ष्य रखा है और अमित शाह के इस दौरे को लोकसभा चुनाव अभियान के श्रीगणेश यानी नीतीश-लालू महागठबंधन के खिलाफ शंखनाद के तौर पर भी देखा जा रहा है.


(इनपुट: आईएएनएस के साथ)