Independence Day: इस जिले के लोग नहीं करते सुबह का इंतजार, 1947 से 14 अगस्त की रात ही फहराते है तिरंगा
Independence Day: भारत में हर जगह स्वतंत्रता दिवस का समारोह 15अगस्त की सुबह धूम-धाम से मनाया जाता है, लेकिन बिहार के पूर्णिया में सुबह का इंतजार नहीं किया जाता है, बल्कि रात ठीक 12 बजे झंडोत्तलन किया जाता है.
पूर्णियाः Independence Day: आजादी के अमृत महोत्सव के बीच स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए जहां समूचा देश 15 अगस्त की सुबह का इंतजार कर रहा था. वहीं बिहार के पूर्णिया में 14 अगस्त 1947 से चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए, लोगों ने ऐतिहासिक झंडा चौक पर मध्य रात्रि को ठीक 12:01 पर झंडोत्तोलन कर आजादी की 75वीं वर्षगांठ ता जश्न मनाया. इस मौके पर लोगों ने एक दूसरे को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी.
वर्षों से चली आ रही परंपरा
वहीं दूधिया रोशनी में भारत माता के गूंजते जयकारे और आजादी के जश्न में डूबे लोगों की खुशी देखते ही बन रही थी. मौका आजादी के जश्न का था. लिहाजा वर्षों से चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए 14-15 अगस्त की मध्यरात्रि दूधिया रोशनी में लोग ऐतिहासिक झंडा चौक पर एकत्र हुए. सन् 1947 से चली आ रही परंपरा को बरकरार रखते हुए स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह के पोते विपुल प्रसाद सिंह ने ठीक 12 बजकर 01 मिनट पर झंडा फहराया. जिले के झंडा चौक पर इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने पहुंचे लोग देशभक्ति की रंग से लबरेज दिखे. बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्ग हाथों में तिरंगा लेकर 'भारत माता की जय' का जयघोष किए.
14-15 अगस्त की रात होता है झंडोत्तोलन
इस दौरान विपुल के परिवार के सदस्य भी इस पल के साक्षी बने. वहीं इस दौरान जुड़े अन्य लोगों के बीच सदर विधायक विजय खेमका, समाजसेवी दिलीप कुमार दीपक, फ्लैग मैन अनिल कुमार चौधरी समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे. इस अवसर पर विपुल प्रसाद सिंह ने कहा कि बाघा बॉर्डर के बाद पूर्णिया में सबसे पहले आजादी का जश्न मनाया जाता है. यह परंपरा 14 अगस्त 1947 से चली आ रही है. इसे बरकरार रखते हुए 14-15 अगस्त की मध्य रात्रि में ठीक 12 बजकर 01 मिनट पर झंडोत्तोलन किया जाता है.