किशनगंज में मद्य निषेध और उत्पाद विभाग पर लगे बड़े आरोप, लोगों ने किया हंगामा
किशनगंज में मद्य निषेध विभाग और उत्पाद विभाग लोगों के खिलाफ मनमाने ढंग से कार्रवाई में लगे हैं. आक्रोशित लोगों ने आरोप लगाया है कि विभाग के द्वारा निर्दोष लोगों को पकड़कर उसे शराब तस्करी के आरोप में फंसाया जा रहा है.
Kishanganj: बिहार में बीते 6 सालों से शराबबंदी कानून लागू है. जिसके कारण सरकार और पुलिस प्रशासन शराबबंदी कानून को लागू करने और सफल बनाने के लिए कई प्रयास कर रही है. हालांकि किशनगंज के मद्य निषेध और उत्पाद विभाग के अधिकारियों के द्वारा मनमाने ढंग से कार्रवाई का मामला सामने आया हैं. जिसको लेकर लोगों के द्वारा मद्य निषेध विभाग के कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.
कार्यालय के बाहर लोगों ने किया हंगामा
दरअसल, बताया जा रहा है कि बीते काफी समय से मद्य निषेध विभाग और उत्पाद विभाग लोगों के खिलाफ मनमाने ढंग से कार्रवाई में लगे हैं. आक्रोशित लोगों ने आरोप लगाया है कि विभाग के द्वारा निर्दोष लोगों को पकड़कर उसे शराब तस्करी के आरोप में फंसाया जा रहा है. वहीं शराबियों को और तस्करों को रिश्वत लेकर छोड़ दिया जाता है. हंगामा कर रहे लोगों के मुताबिक शुक्रवार शाम को शहर के खगड़ा निवासी तंजील नामक व्यापारी जो अपनी दुकान के लिए बंगाल के रामपुर से सामान खरीद कर लौट रहा था. उसे उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने शराब की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. जबकि उसके पास से कोई भी शराब या उससे संबंधित चीज हासिल नहीं हुई और ना ही तंजील ने शराब पी हुई थी.
अधिकारियों ने की रिश्वत की मांग
वहीं, मामले को लेकर तंजील के परिजनों का कहना है कि उसे छोड़ने के लिए अधिकारियों के द्वारा पैसों की मांग की जा रही थी. पैसे नहीं देने पर विभाग के द्वारा तंजील को शराब तस्करी के झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है.
निर्दोष को फंसाया गया
वहीं, आक्रोशित लोगों ने बताया कि उत्पाद विभाग के अधिकारी पैसे लेकर शराबियों को छोड़ देते है. जिसका कोटा पूरा करने के लिए निर्दोष लोगों को पकड़ा जाता है.
साथ ही लोगों ने कहा कि उत्पाद विभाग के काले कारनामों को लेकर किशनगंज जिला पदाधिकारी से शिकायत की जाएगी. अगर उनके द्वारा कार्रवाई नहीं की गई तो लोग सड़कों पर उतर कर हंगामा करेंगे.
इस मामले को लेकर जब उत्पाद अधीक्षक से पूछा गया तो, उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया. लोगों के द्वारा उनपर सवाल खड़े करने पर, जिसपर उत्पाद अधीक्षक ने उन्हें धमकाया.
रिपोर्टर-अमित