Madhepura: पड़ोसी देश नेपाल (Nepal) में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी नदी (Kosi River) के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिससे मधेपुरा (Madhepura Flood) में बाढ़ का कहर बना हुआ है. उदाकिशुनगंज अनुमंडल में आलमनगर और चौसा प्रखंड के कई गांवों में पानी घुस गया है. घर व गांव में पानी घुसने की वजह से मजबूरन लोग उंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं.


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वहीं, बाढ़ की तैयारी में जुटे जिला प्रशासन की ओर से राहत सामग्री समेत यातायात को लेकर नाव की व्यवस्था की जा रही है. इस मामले में जिला आपदा प्रभारी उपेन्द्र प्रसाद ने कहा कि बाढ़ की तैयारी को लेकर डीएम और कमिश्नर के साथ कई बार बैठक हो चुकी है. उन्होंने कहा कि जरुरत पड़ने पर फूड पैकेट का वितरण किया जाएगा. फिलहाल इलाके में 108 नाव बहाल कर दिया गया है जिससे लोगों आने-जाने में कोई परेशानी नहीं हो सके.


बाढ़ को लेकर भले ही जिला प्रशासन पूरी तैयारी की बात कहकर अपनी पीठ थप-थपा रही हो लेकिन इसके उलट सच्चाई कुछ और ही है. प्रशासन का कहना है कि इन पीड़ितों को हर तरह की सुविधा मुहैया करवाई जा रही है लेकिन धरातल पर कुछ नहीं दिख रहा है बल्कि सिर्फ और सिर्फ कागज पर ही सब कुछ दिखता है.


हालांकि, इस मामले को लेकर स्थानीय पूर्व मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव ने कहा कि उन्होंने कई बार सरकार को बाढ़ की स्थाई निदान हेतु रिंग बांध की मांग रखी है. इसके बावजूद अबतक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है जिससे स्थानीय लोग खासे परेशान रहते हैं.


इस मामले में भले ही जिला अधिकारी इन बाढ़ पीड़ितों को सभी तरह की सुविधा मुहैया करने का भरोसा दिला रहे हैं. लेकिन धरातलीय स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है. बाढ़ के कारण स्थानीय लोग खासे परेशान और हैरान हैं. इसके बावजूद अभी तक इन पीड़ितों को कहीं उंचे व सुरक्षित स्थान पर सरकारी स्तर से रहने की व्यवस्था तक नहीं की गयी है.