सहरसा: अगर आप अपने बीमारियों को लेकर चिकित्सकों के परामर्श पर अल्ट्रासाउंड जैसी जांच करा रहे हैं, तो फिर आपको ऐसे जांच घरों से सावधान की रहने की आवश्यकता है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बिहार के सहरसा में एक मरीज के जांच रिपोर्ट ने सबको हिलाकर रख दिया है. 


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दरअसल, दीपक चोखानी नामक पुरुष मरीज पेट दर्द की शिकायत लेकर एक निजी अस्पताल में डॉक्टर के पास पहुंचे. जहां डॉक्टर ने उन्हें अल्ट्रासाउंड कराने को कहा था, जिसके बाद मरीज ने एक जांचघर में अपना अल्ट्रासाउंड कराया तो अल्ट्रासाउंड के रिपोर्ट में मरीज के किडनी में 14, 15 और 16 mm का स्टोन होने की बात कही गई. साथ ही किडनी भी खराब होना बताया गया. 


रिपोर्ट देखने के बाद मरीज काफी चिंतित हो गया और उसे यकीन नही हुआ. इसी वजह से उसने दूसरे जांच घर मे अपना अल्ट्रासाउंड कराया, जिसमे उसे किडनी में 15 mm का स्टोन होने की बात कही गई. हालांकि यहां मरीज का किडनी सही सलामत बताया गया. 


मरीज को जब इसपर भी यकीन नही हुआ तो वो फिर दूसरे चिकित्सक के पास जाकर सलाह ली. दूसरे चिकित्सक ने दोनों अल्ट्रासाउंड का रिपोर्ट देखा और मरीज को फिर से अल्ट्रासाउंड कराने को कहा. लेकिन हद तो तब हो गई जब तीसरी जगह एक रेडियोलॉजिस्ट सेंटर में जांच कराने के बाद पुरूष मरीज को महिला बना दिया गया और अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में किडनी में स्टोन के साथ साथ यूटेरस और ओबरी का भी रिपोर्ट दे दिया गया. जिसके बाद रिपोर्ट देखते ही मरीज के होश उड़ गए. जिसके बाद हैरान और परेशान होकर मरीज ने रिपोर्ट अपने चिकित्सक को दिखलाया तो डॉक्टर भी हैरानी में पड़ गए. 


चिकित्सक के कहने पर रेडियोलॉजिस्ट सेंटर के कर्मियों ने मरीज को बुलाकर दोबारा रिपोर्ट दिया, जिसमें उसे किडनी में 11 mm का स्टोन होनी की बात कही गई. इधर दर्द से परेशान मरीज का कहना है कि इतने सारे अलग - अलग रिपोर्ट देखकर वो काफी परेशान हो गए. जिसके बाद थकहार वो पटना के IGMS पहुंचे और सारे रिपोर्ट को वहां के चिकित्सक को दिखलाया, जिसके बाद IGMS के चिकित्सक ने सारे रिपोर्टों को सिरे से खारिज कर दिया और दोबारा रिपोर्ट कराने की सलाह दी है. फिलहाल मरीज IGMS के चिकित्सकों के परामर्श पर दवाई ले रहा है और उससे उसे काफी राहत मिल रही है. लेकिन मरीज ने निजी जांच घरों पर सवाल उठाते हुए जिला प्रशासन से जांच और कारवाई की बात कही है.