गुमला: Jharkhand News: कोरोना काल ने मां-बाप को निगल लिया और दादा-दादी बुजुर्ग हो चुके हैं. ऐसे में अभिनव के सामने पूरी जिंदगी पड़ी है लेकिन जिंदगी जीने के लिए अभिनव के पास कुछ भी नहीं है. मां-बाप की मौत के बाद से ही बचपन को किसी की नजर लग गई. दादा-दादी कुछ करने की हालत में नहीं हैं. जी न्यूज ने अभिनव की खबर दिखाई तो प्रशासन हरकत में आया. घाघरा प्रखंड के अंचलाधिकारी प्रणव ऋतुराज बुधवार को चाचीग्राम पहुंचे और अभिनव और उसके दादा-दादी से मुलाकात की.  इस दौरान प्रशासन की ओर से अभिनव को खाद्य सामग्री के रूप में 25 किलो चावल और नौडीहा पंचायत के मुख्यिा राजकुमार उरांव की ओर से 50 किलो चावल दिया गया. इसके अलावा अंचलाधिकारी ने बताया कि अभिनव का नाम सरकार की उस योजना से जोड़ा जाएगा, जसमें 18 साल की उम्र पूरा होने तक उसे हर महीने 4000 रुपये मिलेंगे.


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ग्रामीणों के सामने अंचलाधिकारी ने कहा, बच्चे की पढ़ाई किसी भी हालत में बाधित नहीं होनी चाहिए. इसलिए अभिनव का नाम हम राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल करने के लिए भेजेंगे. इस योजना में अभिनव की पढ़ाई के लिए प्रतिमाह ₹4000 सरकार की ओर से दिए जाएंगे, जब तक कि बच्चे की उम्र 18 वर्ष नहीं हो जाती. इसके अलावा अभिनव 10वीं, 11वीं और 12वीं में पहुंचेगा, उसके लिए प्रखंड परिसर स्थित लाइब्रेरी में पढ़ाई की व्यवस्था फ्री कराई जाएगी. इससे वह पढ़-लिखकर एक सफल नागरिक बन सकता है. उन्होंने कहा कि जब गार्जियन का साथ किसी कारणवश बच्चों से छूट जाता है, ऐसी परिस्थिति में सबसे पहले बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है.


प्रशासन ने इस बात को ध्यान में रखते हुए बच्चे के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है. अफसरों ने मुखिया को निर्देश देते हुए भी कहा है कि किसी भी परिस्थिति में बच्चे की पढ़ाई बाधित ना हो और वह गलत राह पर नहीं जाए. अभिनव की माता का निधन 2021 के मई माह में कोरोना से हो गया था. 17 मई 2023 को पिता की मृत्यु सड़क हादसे में हो गई थी. अभिनव के दादा-दादी हैं, जो काम करने में असमर्थ हैं और उनकी आर्थिक स्थिति भी काफी दयनीय है. अब प्रशासन के इस पहल से परिवार को काफी सहारा सहयोग मिलेगा और बच्चा पढ़-लिखकर अपने सपने को साकार करेगा.


रिपोर्ट- रणधीर निधि


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