रांची: झारखंड में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की दो-दिवसीय केंद्रीय कार्यसमिति बैठक की शुरुआत शनिवार को हुई. बैठक में कोचिंग संस्थानों के लिए नियमों को सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाने की बात कही गई. अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही ने मां सरस्वती और स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस दौरान राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल और राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.


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अभाविप केन्द्रीय कार्यसमिति बैठक के पहले दिन विभिन्न नए प्रयोगों, पर्यावरण गतिविधियों से विद्यार्थियों को जोड़ने, देश की वर्तमान शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति समेत विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रमों जैसे विषयों पर चर्चा हुई. इस बैठक में पेरिस ओलंपिक-2024 में महिला बॉक्सिंग मुकाबले के दौरान महिला वर्ग के अपमान का विषय प्रमुखता से उठाया गया. बैठक में कहा गया कि इटली की अंजेला करीनी और अल्जीरिया की इमान खलीफ के बीच हुआ मुकाबला निकृष्ट वोकिज्म का उदाहरण है. महिला वर्ग के मुकाबले में बायोलॉजिकल पुरुष को उतारना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और महिलाओं को अपमानित करने वाला कृत्य है.


डॉ राजशरण शाही ने जैन दर्शन के महत्व पर प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में जैन दर्शन का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है. भारतीय ज्ञान परंपरा में जैन ऋषियों तथा दार्शनिकों का योगदान विशिष्ट है. वर्तमान समय में पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दे बेहद अहम हैं. अपने आचरण से जैन मुनियों ने पर्यावरण के प्रति नागरिकों को सचेत तथा संवेदनशील किया है. पारसनाथ जैसे विशिष्ट स्थान पर आयोजित हो रही विद्यार्थी परिषद की बैठक नए दिशा सूत्रों को खोजने वाली सिद्ध होगी.


वहीं अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने पेपर लीक मामले पर मुखरता से अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में विभिन्न परीक्षाओं के आयोजन के दौरान पारदर्शिता के विषय में लगातार प्रश्न उठे हैं. शिक्षा की पवित्रता को बनाए रखने परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) में व्यवस्थागत परिवर्तन आवश्यक है, जिससे सभी परीक्षाएं बिना किसी समस्या के आयोजित हो सकें.


अभाविप की बैठक में दिल्ली के राजेंद्र नगर में कोचिंग के बेसमेंट में छात्रों के साथ हुई दुर्घटना पर कोचिंग की व्यवस्था को लेकर भी चिंता जताई गई. याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि कोचिंग के संदर्भ में भी देश के अलग-अलग हिस्सों से लगातार समस्याएं सामने आ रही हैं. कोचिंग संस्थानों के लिए नियमों को सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है.


इनपुट- आईएएनएस


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