राज्यपाल से लौटाए विधेयक पर बन्ना गुप्ता ने भाजपा पर साधा निशाना, कहा- सरकार के फैसले से इन्हें होता है दर्द
लौटाए गए विधेयक पर बन्ना गुप्ता ने कहा कि लोकतंत्र में वैचारिक मतांतर होना बुरा नहीं है, लेकिन व्यक्तिगत द्वेष में देश या फिर सरकार को अपदस्थ करना, प्रताड़ित करना और आम जनता के काम को रोकना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है.
रांचीः Jharkhand Politics: झारखंड में बुधवार को राज्यपाल के विधेयक लौटाने के बाद से सियासत गरमा गई है. इस मुद्दे पर भाजपा और जेएमएम दोनों ओर से बयानबाजियां जारी हैं. राजभवन से राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड विधानसभा से पारित एक और बिल (झारखंड उत्पाद संशोधन विधेयक -2022) सरकार को लौटा दिया है. राज्यपाल ने विधेयक लौटाकर इसके प्रावधानों में संशोधन करने को कहा है. जेएमए इस पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित बता रही है.
विधेयक लौटाने के बाद बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राजभवन से जिस विधेयक को वापस लौटाया गया है, इन्हीं बातों को हमने 5 महीने पहले उठाया था. उन्होंने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि अगर लोग ऐसे ही राज्य को लूटेंगे तो फिर कुछ नहीं बचेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के लिए कानून का कोई मतलब नहीं. सिर्फ कमाई कैसे हो उसे ध्यान में रखते हुए नियमावली बनती है. इन्हीं मुद्दों को लेकर राज्यपाल ने आपत्ति दर्ज की है.
बाबूलाल मरांडी के इस बयान के बाद हेमंत सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी सामने आ गए हैं. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार जब भी कैबिनेट में कोई फैसला लेती है तो इनको सीने में दर्द होने लगता है. इसीलिए मैंने स्वास्थ्य विभाग को कहकर रिम्स में एक अलग वार्ड की व्यवस्था की है. भगवान न करे कि कैबिनेट द्वारा लिए जा रहे फैसलों से इन्हें हार्ट अटैक हो जाए, लेकिन हमने रिम्स में स्पेशल वार्ड की तैयारी कर रखी है.
लौटाए गए विधेयक पर बन्ना गुप्ता ने कहा कि लोकतंत्र में वैचारिक मतांतर होना बुरा नहीं है, लेकिन व्यक्तिगत द्वेष में देश या फिर सरकार को अपदस्थ करना, प्रताड़ित करना और आम जनता के काम को रोकना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. राजभवन से विधेयक वापस किए जाने और बाबूलाल मरांडी द्वारा उठाए गए सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पलटवार किया है. स्वास्थ्य मंत्री ने बाबूलाल मरांडी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा की विपक्ष मुद्दा विहीन हो गई है.