रांचीः Bird Flu in Jharkhand: झारखंड में बर्ड फ्लू की दस्तक से स्वास्थ्य महकमा सकते में है. राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान के जेनेटिक्स एंड जिनोमिक्स विभाग में जांच के दौरान बच्चे में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. संस्थान के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. झारखंड के रामगढ़ जिले की रहने वाली बच्ची को बुखार, कफ और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 


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शिशु रोग विभाग के चिकित्सक राजीव मिश्रा ने बताया कि बच्ची के नाक का ‘स्वाब’ जांच के लिए भेजा गया था. जिसमें ‘बर्ड फ्लू’ की पुष्टि हुई है. उन्होंने आगे बताया कि ‘अस्पताल में इस साल बर्ड फ्लू का यह पहला मामला है. बच्ची का मेरे विभाग में इलाज चल रहा है.’ चिकित्सक राजीव मिश्रा ने आगे बताया कि इस मामले में भी कोविड-19 जैसे एहतियात बरते जा रहे हैं और बच्ची को अन्य लोगों से अलग रखा गया है. 


बर्ड फ्लू  के लक्षण
- बहुत तेज बुखार होना
- मांसपेशियों में दर्द होना
- पीठ के ऊपरी हिस्से में ज्यादा दर्द 
-  सिर दर्द होना
- दस्त लगना
- खांसी और सांस की दिक्कत होना
- पेट में दर्द महसूस होना
- नाक या मसूड़ों से खून निकलना


ऐसे करें बचाव
- पक्षियों से रहें दूर  

बर्ड फ्लू से बचने के लिए आपको पक्षियों से दूर रहना होगा. पक्षी फ्लू वायरस की सबसे बड़ी वाहक हैं. पक्षी बिना बीमार हुए ही संक्रमित हो जाते हैं और फिर वे वायरस को अपने मल और पंख के जरिए लोगों में फैलाते हैं. बर्ड फ्लू के संक्रमण से बचने के लिए मृत या घायल पक्षियों को नहीं छुए. पक्षियों को संभालने से पहले दस्ताने पहनें. इसके अलावा बर्ड ड्रॉपिंग के संपर्क में आने से भी बचें. 


- किसी से भी हाथ मिलाने से बचें
बर्ड फ्लू के संक्रमण से बचने के लिए आपको अपने हाथों को साफ रखना होगा. भले ही आप अपना हाथ साफ रखते हो. लेकिन दूसरे लोग भी अपने हाथ साफ रख रहें है ऐसा नहीं है. इसलिए बर्ड फ्लू के संक्रमण से बचने के लिए किसी भी व्यक्ति से हाथ मिलाने से बचें. हाथ मिलाने के बदले उससे आप नमस्कार करें. 


- हाथों को साफ रखें 
अक्सर बैक्टीरिया, फ्लू वायरस और अन्य कीटाणु हाथों को सबसे अधिक संक्रमित करते हैं. बर्ड फ्लू के संक्रमण से बचने के लिए नियमित अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से साफ करें. इसके अलावा एल्कोहल युक्त हैंड रब का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. 


इनपुट- भाषा के साथ 


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