रांची:Tara Shahdev Case: नेशनल शूटर तारा शाहदेव और रंजीत कोहली का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. धर्मांतरण के आरोप के साथ शुरू हुआ यह विवाद अब घरेलू हिंसा तक सिमट गया है लेकिन इसी बीच पूरे मामले में आरोपी रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल की तरफ से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गवाह बनाया गया जिसके बाद आज इस मामले की सुनवाई हुई. तारा शाहदेव प्रकरण में हेमंत सोरेन की गवाही के लिए आज की तारीख निर्धारित थी. चूंकी मुख्यमंत्री फिलहाल राज्य से बाहर है इसीलिए उन्होंने जेएमएम जिला अध्यक्ष को गवाही के लिए अधिकृत किया था.


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सीएम के अधिकृत व्यक्ति मुस्ताक आलम ने कोर्ट के समक्ष हाजिर होकर गवाही देते हुए कहा की वह रंजीत कोहली को नहीं पहचानते. वहीं मुस्ताक आलम ने बताया कि सीबीआई द्वारा इफ्तार पार्टी के निमंत्रण को लेकर भी अदालत में उनसे सवाल पूछा गया. वहीं इस पूरे मामले के आरोपी रंजीत कोहली ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मैं कभी नहीं मिला हूं और ना ही उनसे बात हुई. 2018 में फैमिली कोर्ट में एग्जाम में पास किया था जिसके मुताबिक वह रंजीत सिंह कोहली है रकीबुल नहीं और जो भी उन्हें रखी थी उनके नाम से बुलाते हैं. वह न्यायालय का अवमानना कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की तरफ से गवाही हुई जिसमें गवाह ने भी उन्हें पहचानने से इंकार कर दिया है.


पूरे केस की जानकारी देते हुए रंजीत कोहली के अधिवक्ता मुख्तार खान ने बताया कि तारा शाहदेव के मामले में सीबीआई की तरफ से एक कार्ड प्रस्तुत किया गया था. इफ्तार पार्टी से संबंधित उसी सिलसिले में विटनेस के तौर पर मुख्यमंत्री को बुलाया गया था. तो मुख्यमंत्री की तरफ से जिला अध्यक्ष उपस्थित होकर गवाही दी. उन्होंने बताया कि अभी केस डिफेंस की गवाही के स्टेज पर है और रिलायंस कम्युनिकेशन को रिमाइंडर भेजा गया है कॉल डिटेल से संबंधित जिसके आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी.


इनपुट- कामरान जलीली


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