रांची : झारखंड में अब सरकार और डॉक्टरों के बीच ठन गई है. दरअसल झारखंड में सरकारी आदेश के खिलाफ डॉक्टर एकजुट हो गए हैं और सभी ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर उन्हें निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करने से रोका गया तो सामूहिक इस्तीफा सौंपा जाएगा. 


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दरअसल झारखंड स्टेट आरोप सोसायटी द्वारा बीते 25 जुलाई को पब्लिक हॉस्पिटल नेटवर्क मैनेजमेंट की वरिष्ठ परामर्शी श्वेता कुमारी द्वारा आदेश जारी करते हुए राज्य सरकार में नियुक्त गैर शैक्षणिक संवर्ग के चिकित्सकों को किसी निजी अस्पताल नर्सिंग होम या जांच केंद्र में अपनी सेवा देने पर रोक लगा दिया गया है. जारी आदेश के मुताबिक डॉक्टर ड्यूटी आवर के बाद प्राइवेट ओपीडी में मरीजों को देख जरूर सकेंगे लेकिन उन्हें ऑपरेट नहीं कर सकेंगे. 


वहीं आईएमए और JSHSA ने इस आदेश का विरोध करना शुरू कर दिया है. आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर शंभू ने कहा कि राज्य में सरकारी चिकित्सकों के ऊपर यह पाबंदी बहुत ही गलत है. यह एक तरह से चिकित्सकों का दमन करने का तरीका है. यह नियम बिल्कुल गलत है, ऐसा ही नियम पहले भी लाया गया था जिसको वापस लेना पड़ा था. 


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वहीं JSHSA के राज्य सचिव डॉक्टर विमलेश ने कहा कि यह निर्देश पूरी तरह से गलत है. हम अपनी ड्यूटी आवर में प्रैक्टिस नहीं करेंगे लेकिन उसके बाद आउटडोर करेंगे इंडोर नहीं करेंगे, यह टोटली गलत निर्णय है. हमलोगों ने इस पर बैठक की है. सरकार से हम इस पर बात करेंगे, सरकार इस निर्णय को वापस ले. हम लोगों ने 15 दिन का समय दिया है. अगर इस आदेश को वापस नहीं लेती है तो राज्य के 2178 डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.