रांची में बढ़ते ठंड के साथ बढ़ा कुत्तों का आतंक, अस्पताल में लगी मरीजों की भीड़
Jharkhand News: सदर अस्पताल ने बढ़ते मामलों को देखते हुए एंटी-रेबीज वैक्सीन की पर्याप्त व्यवस्था की है. अस्पताल आने वाले हर मरीज का तुरंत इलाज किया जा रहा है. डॉक्टरों की टीम चौबीसों घंटे तैनात है, ताकि किसी भी मरीज को कोई दिक्कत न हो. साथ ही, बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए अस्पताल ने अतिरिक्त वैक्सीन का ऑर्डर भी दिया है.
रांची: रांची में ठंड बढ़ने के साथ-साथ कुत्तों के काटने के मामलों में भारी इजाफा हो रहा है. पिछले दो सप्ताह में कुत्तों के काटने की घटनाएं इतनी बढ़ गई हैं कि शहर का सदर अस्पताल इससे प्रभावित मरीजों से भर गया है. रोजाना 100 से 150 लोग एंटी-रेबीज वैक्सीन लेने अस्पताल पहुंच रहे हैं. यह संख्या न केवल चिंताजनक है, बल्कि यह शहरवासियों के लिए एक बड़ा खतरा बनकर उभरी है.
इस मामले पर रांची के सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि हाल के दिनों में डॉग बाइट के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. इनमें से अधिकतर मामले पालतू कुत्तों के काटने के हैं. डॉक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि हालांकि पालतू कुत्तों को रेबीज के खिलाफ वैक्सीन लगाया जाता है, लेकिन उनके काटने के बाद भी लोग एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवाने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं. इससे साफ है कि पालतू कुत्ते भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं और उनके काटने पर भी चिकित्सा लेना अनिवार्य हो जाता है. साथ ही सदर अस्पताल प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में एंटी-रेबीज वैक्सीन उपलब्ध कराई है. अस्पताल में आने वाले हर मरीज का तुरंत इलाज किया जा रहा है. डॉक्टरों की टीम चौबीसों घंटे सतर्क है, ताकि किसी भी मरीज को परेशानी न हो. इसके साथ ही बढ़ते मामलों के मद्देनजर अस्पताल ने अतिरिक्त वैक्सीन का ऑर्डर दिया है.
शहर में कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ने के कारण लोग डरे हुए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि आवारा और पालतू दोनों प्रकार के कुत्तों से सावधानी बरतना जरूरी है. बच्चों और बुजुर्गों को खासतौर पर सतर्क रहने की सलाह दी गई है. यदि किसी को कुत्ता काटता है, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल जाकर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. सदर अस्पताल प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे पालतू कुत्तों को समय-समय पर वैक्सीन लगवाएं और आवारा कुत्तों से दूर रहें. साथ ही, किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता लें. यह जागरूकता ही कुत्तों के काटने से होने वाले खतरे को कम कर सकती है.
इनपुट - तनय खंडेलवाल
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