रांची: रांची की सिविल कोर्ट ने पत्नी के विरोध के बावजूद उसके साथ बार-बार जबरन सेक्सुअल रिलेशन बनाने के मामले में दोषी रणधीर वर्मा नामक शख्स को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है. उस पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है, जिसे नहीं चुकाने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने इस मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद 26 सितंबर को अभियुक्त को दोषी करार दिया था. इसके तुरंत बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. सोमवार को अदालत ने सजा के बिंदु पर फैसला सुनाया. महिला ने इस मामले में पति के खिलाफ वर्ष 2015 में कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज कराई थी.


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मामले की सुनवाई के दौरान एपीपी सिद्धार्थ सिंह ने ठोस गवाही दर्ज कराई थी. सूचक एवं गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने अभियुक्त को दोषी करार दिया. अभियुक्त के खिलाफ उसकी पत्नी ने साल 2016 में दहेज प्रताड़ना मामले में भी सुखदेव नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इस मामले में भी अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए अलग से तीन साल की सजा सुनाई है. बता दें कि मैरिटल रेप के मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट के दो फैसलों पर कानूनी बहस छिड़ी है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा है. कई जनहित याचिकाएं इस मामले में दायर की गई हैं.


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सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी को एक साथ मर्ज करके सुनवाई का निर्णय लिया है. 24 सितंबर को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी परदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच में इसकी सुनवाई होनी थी, लेकिन केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का वक्त मांगा.


इनपुट- आईएएनएस


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