हजारीबाग : हजारीबाग अंतर्गत मंडई खुर्द के रहने वाले 12वीं कक्षा के छात्र की कलाकारी देखकर शायद आप भी दांतों तले उंगली दबा लें. जब किसी एक स्केच को बनाने में लोगों को घंटों मशक्कत करनी पड़ती है. वहीं यह युवा कलाकार प्रीत राज कुछ ही घंटों में एक साथ 20-20 महापुरुषों का स्केच देखते-देखते बना देता है. वह मंडई निवासी एम गोपाल का पुत्र है. इस परिवार में सभी लोग कलाकार हैं. प्रीत की मां संगीता देवी भी एक कलाकार हैं. पिता एम गोपाल खुद पुतले आदि बनाते हैं उनकी गोपाल आर्ट नामक संस्था भी है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लकड़ी की स्टीक में 20 पेन बांधकर एक साथ करता है पेंटिंग
प्रीत राज हजारीबाग जिला स्कूल में 12वीं कक्षा में कला का छात्र है. वह कला में हुनरमंद ऐसा है कि उसकी कलाकारी देखने वाले मंत्र मुग्ध हो जाते हैं. वह बताता है कि उसे गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करवाना है. प्रीत राज ने पहले एक साथ पांच-पांच महापुरुषों का स्केच बनाकर दिखाया था उसके बाद यह प्रयास निरंतर जारी रहा और आज इन्होंने एक ही हाथ से कुछ ही घंटों में 20 महापुरुषों के स्केच बना डाले. स्केच बनाने के लिए सबसे पहले वह लकड़ी की स्टीक में 20 पेन बांधता है. स्केच के लिए अलग-अलग पन्ने एक सीध में रखता है. इसके बाद वह अंगुलियां फेरना शुरू करता है. 20 अलग-अलग छोटे कैनवास (पन्ने) पर वह अलग-अलग महापुरुषों के स्केच बनाता है. जिसमे भगत सिह, बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर, महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री के अलावा कई महापुरुषों का स्केच बगैर किसी गलती के उतार देता है. 


पिता का सपना, प्रीत राज की ख्याति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह तक पहुंचे 
प्रीत राज के पिता एम गोपाल बताते हैं कि शुरू से ही इसे आर्ट एंड पेंटिंग में काफी रूच रही है. आगे भी इसे इसी क्षेत्र में ले जाने में मदद करूंगा. उन्होंने बताया कि यह बेहद गर्व की बात है कि एक बार में बीस-बीस महापुरुषों की पेंटिंग यह बनाता है. इसकी सोच है कि आगे चलकर वे पेंटिंग के क्षेत्र में विश्व रिकॉर्ड बनाए. साथ ही साथ इनकी बनाई गई एक साथ 20 पेंटिंग की जानकारी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह तक पहुंच जाए. उन्होंने यह भी बताया कि इसकी मां भी कलाकार है जो पेंटिंग बनाती हैं. उन्होंने भी इसका काफी सहयोग किया है. हम दोनों ने मिलकर इसे सिखाया और इसने उस आर्ट को तरासते हुए यह यहां तक पहुंचा है.  मैं चाहता हूं कि यह देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी भारत का नाम इस क्षेत्र में रोशन करे. 


(रिपोर्ट- Yadvendra Munnu)


ये भी पढ़ें- Chanakya Niti: खुशी-खुशी काटना है बुढ़ापा तो जवानी में इन 3 चीजों से बना लें दूरी