हजारीबाग : आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर जहां सरकार अमृत महोत्सव मनाते हुए अनेक कार्यक्रम आयोजित कर रही है. वहीं 21 वीं सदी में भी हजारीबाग के बरकट्ठा प्रखंड अंतर्गत ज्वार पहाड़पुर गांव के लोगों को रोड तक नसीब नहीं हुआ है. लोग जंगल झाड़ के रास्ते से आवागमन करने पर मजबूर हैं. दरअसल, सुदूरवर्ती गांव में स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा नहीं है. बृहस्पतिवार को गांव की एक महिला के प्रसव के लिए अस्पताल लेजा रहे थे, एंबुलेंस की सुविधा नहीं होने पर महिला को चारपाई पर लेकर लेजाना पड़ा.
  
सुदूरवर्ती गांव में सुविधाओं से वंचित है लोग
बता दें कि बरकट्ठा प्रखंड गोरहर पंचायत के पहाड़पुर जहां लगभग तीन सौ घरों का बस्ती है. बताते चले की ज्वार पहाड़पुर गांव में महेश टूडू , पिता छोटन टुडू के बहू प्रसव पीड़ा से व्याकुल हो गई . मजबूरन लोग उन्हें आनन - फानन में चारपाई का डोली बनाकर चार आदमी कंधे पर लेकर जंगल झाड़ के रास्ते होते हुए शिलाडीह उप स्वास्थ्य केंद्र में लाया. जहां एक स्वास्थ्य बच्चे का जन्म दिया. पहाड़पुर के स्थानीय लोगों ने बताया कि गोरहर पंचायत के ज्वार पहाडपुर एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है और यह अत्यंत पिछड़ा हुआ क्षेत्र है. यहां के लोग अभी भी सरकारी सुविधा से वंचित हैं. यहां एंबुलेंस आने जाने कि रास्ता नहीं है. यदि लोग बीमार पड़ जाते हैं तो इसी तरह खाट पर लादकर उसे हॉस्पिटल पहुंचाया जाता है. जिसके कारण कई बार मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देता है.


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समस्या के समाधान के लिए प्रशासन नहीं देता कोई ध्यान
बता दें कि ग्रामीणों ने कहा कि यहां पर जनप्रतिनिधि और स्वास्थ्य कर्मी भी आने जाने से कतराते हैं. ग्रामीणों के मुताबिक चुनाव के समय नेता लोग आते हैं और बड़े वादे कर चले जाते हैं परन्तु चुनाव के बाद उनका दर्शन दुर्लभ हो जाता है. लोगों को समस्या से निजात दिलाना प्रशासनिक अधिकारियों प्रतिनिधियों प्राथमिकता होती है. परन्तु ज्वार पहाड़पुर गांव के लोगों को समस्याओं से निजात कब तक मिलेगी, यह एक सबसे बड़ा प्रश्न उत्पन्न होता है. इस पूरे मामले पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने ट्वीट कर कहा है कि ये है हेमंत सरकार के 3 साल का विकास है. जिस जनता के पैसों से मुख्यमंत्री अखबारों में अपना चेहरा चमका रहे हैं अगर उसी पैसों से यहां सड़क बनवा दी होती तो इस गर्भवती महिला को यह दिन न देखना पड़ता है.


इनपुट- यादवेंद्र मुन्नू


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