रांची : झारखंड में मिड डे मील की किल्लत के मामले ने अब राजनीतिक रूख अख्तियार करना शुरू कर दिया है. झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने मिड डे मील मामले में केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार फंड नहीं दे रही है. केन्द्र सरकार झारखंड में विपक्षी पार्टी की सरकार होने की वजह से भेदभाव कर रही है. जिसके चलते झारखंड के बच्चे मिड डे मील के बिना गुजारा कर रहे है. अगर केन्द्र का यही रवैया रहा तो वह दिन दूर नहीं जब मिड डे मील योजना को बंद करना पड़ेगा.  वहीं मामले पर भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने कहा कि झारखंड सरकार अपनी खामियों का ठीकरा जानबूझ के केन्द्र सरकार पर फोड़ रही है. 


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दूकानों से सामान उधार लेने को मजबूर स्कूल
पूरे झारखंड में मिड डे मील की आपूर्ति न होने के कारण स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि इसके चलते मिड डे मील माइनस में चल रहा है. सभी स्कूल अपने अगल बगल की दूकानों से उधार सामान लेकर काम चलाने को मजबूर हैं, लेकिन काफी लम्बे समय से आपूर्ति नहीं होने की वजह से स्कूलों पर अब दुकानदारों का कर्ज भी बढ़ने लगा है. इसी वजह से अब दुकानदारों ने उधार देना देना बंद कर दिया है.


साहू ने दी राज्य सरकार को केन्द्र से बात करने की नसीहत 


बच्चों के खाने को लेकर तेज होती जुबानी जंग में राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने झारखंड राज्य की सरकार को घेरने की कोशिश की. साहू ने कहा कि जब से राज्य में महागठबंधन की सरकार बनी है तभी से राज्य सरकार ने अपनी खामियों का ठीकरा केंद्र सरकार के सर फोड़ना शुरू कर दिया है. मिड डे मील के बारे में कहा कि यदि केंद्र राशि नहीं भेज रही है तो किसी न किसी त्रुटि के चलते नहीं भेज रही. अगर केंद्र सरकार किसी वजह से फंड नहीं भेज रही है तो उसको लेकर राज्य सरकार को केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए.


सांसद आदित्य ने कहा कि अपनी जिम्मेदारी से भाग रही राज्य सरकार 
साहू ने पलटवार करते हुए कहा कि सिर्फ झारखंड के पेपर में किल्लत के बारे में छपा कर केंद्र सरकार पर आरोप लगाना गलत है. उन्होनें कहा कि राज्य सरकार की भी जिम्मेदारी है कि केंद्र से किस तरह पैसा लिया जाए. सिर्फ इस तरह की बात को बोलकर जनता को भ्रमित करने का काम राज्य सरकार कर रही है. योजनाओं को सुचारु रूप से धरातल पर नहीं उतारा जा रहा है और अपनी गलतियां केंद्र पर डालकर जनता से कब तक बच पाएंगे.


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