रांची: झारखंड कांग्रेस को संगठित तौर पर मजबूत करने और पार्टी को अनुशासित करने के उद्देश्य से के सदस्य अनुशासन कमेटी का गठन किया गया है. ये कमेटी पार्टी के नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक पर अनुशासन को लेकर निगरानी रखेगी. एक तरफ जहां जहां अनुशासन कमेटी के गठन को कांग्रेस मजबूती के तौर पर देख रही है तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के अनुशासन पर ही सवाल उठाते हुए चुटकी ले रही है.


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पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं 
झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा की अनुशासन समिति में ऐसे गंभीर लोगों को रखा गया है, जो पार्टी को अनुशासित और एकजुट करने में अहम योगदान दे सकते हैं. वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम में कहा की किसी भी व्यक्ति में अनुशासन की जरूरत होती है और अगर पूरी पार्टी अनुशासन के एक सूत्र में बंध जाए तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है. इसी उद्देश्य के साथ अनुशासन समिति का गठन किया गया है. अनुशासन समिति के सदस्य शमशेर आलम ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि पार्टी में अनुशासनहीनता को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अनुशासन से संबंधित सभी पर निगरानी रखी जाएगी. 


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कांग्रेस में सिर्फ सिर फुटव्वल 
वहीं  भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड कांग्रेस में गठित अनुशासन कमेटी पर सवाल उठाते हुए चुटकी ली है. बीजेपी विधायक सीपी सिंह का कहना है कि कांग्रेस और अनुशासन यह अपने आप में विरोधाभास है. क्योंकि कांग्रेस में सिर्फ सिर फुटव्वल चलता है. सीपी सिंह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि नकली गांधी परिवार को खुश कर कांग्रेस के नेता आगे बढ़ते हैं. इसलिए इस अनुशासन समिति का कोई मतलब ही नहीं होता. अब ऐसे में कांग्रेस अनुशासन समिति से पार्टी को कितना लाभ होता है यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन इतना साफ है कि समिति के लिए पार्टी को अनुशासन में रखना एक बड़ी चुनौती भी है और एक बड़ा मौका भी.