रांची: Jharkhand News: झारखंड के एक और आईएएस पर ईडी का शिकंजा कस रहा है. ये हैं रामनिवास यादव, जो राज्य के साहिबगंज जिले में उपायुक्त के पद पर तैनात हैं. बुधवार को उनके आवास पर छापेमारी में 8 लाख रुपए कैश और 9 एमएम की 14 गोलियां बरामद की गई हैं. इन गोलियों का इस्तेमाल प्रतिबंधित पिस्टल में होता है.


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ईडी ने उनके जयपुर स्थित दो ठिकाने भी खंगाले थे. वहां से निवेश के कई दस्तावेज बरामद किए जाने की सूचना है. सूत्रों के अनुसार, ईडी उन्हें इस मामले में एक-दो दिनों में समन कर सकती है. साहिबगंज अवैध खनन घोटाले में उनसे ईडी बीते साल 23 जनवरी और 6 फरवरी को दो बार पूछताछ कर चुकी है. अब इस केस में जांच का दायरा और बढ़ा है.


उन पर अवैध खनन घोटाले में ईडी के गवाह विजय हांसदा को होस्टाइल कराने की साजिश में शामिल होने, 24 मार्च 2022 को गंगा नदी में स्टीमर दुर्घटना में गलत रिपोर्ट देकर मामले पर पर्दा डालने का भी आरोप है. ईडी ने अपनी जांच में यह भी पाया है कि साहिबगंज डीसी के रूप में पोस्टिंग के बाद दो साल तक रामनिवास यादव ने अपनी सैलरी अकाउंट से पैसे नहीं निकाले.


ईडी ने पिछली बार हुई पूछताछ में उनसे जानना चाहा था कि सैलरी खाते से पैसे की निकासी के बगैर वे अपना गुजारा कैसे करते थे. एजेंसी ने यह भी पाया है कि जब उन्हें समन जारी किया गया, तब उन्होंने सैलरी खाते से निकासी शुरू की.


बता दें कि झारखंड में ईडी की जांच में फंसे दो आईएएस अफसर पूजा सिंघल और छवि रंजन जेल में बंद हैं. इनके बाद रामनिवास यादव तीसरे ऐसे आईएएस हैं, जिन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. आवास से प्रतिबंधित गोलियों की बरामदगी के मामले में उनके खिलाफ पुलिस में अलग से मामला दर्ज कराने की तैयारी चल रही है.


रामनिवास यादव मूल रूप से जयपुर के पास हिंगोनिया गांव के रहने वाले हैं. वह 2015 बैच के आईएएस हैं. इसके पहले वह सिक्किम कैडर के आईपीएस रह चुके हैं. 9 अक्टूबर 2020 को उन्होंने साहिबगंज डीसी के पद पर योगदान दिया था. कुछ दिन पहले ही झारखंड सरकार ने उन्हें स्पेशल सेक्रेट्री रैंक में प्रोन्नति दी है.
इनपुट-आईएएनएस के साथ


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