Jharkhand News: झारखंड के स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी के लेकर शिक्षा विभाग ने जारी किया नोटिफिकेशन, सियासत तेज
Jharkhand News: झारखंड के स्कूलों शुक्रवार को स्कूल बंद करने वाले मामले को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इस नोटिफिकेशन में शुक्रवार को स्कूल बंद करने और कानून के नियम का पालन नहीं करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया गया है.
रांची:Jharkhand News: झारखंड के स्कूलों शुक्रवार को स्कूल बंद करने वाले मामले को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इस नोटिफिकेशन में शुक्रवार को स्कूल बंद करने और कानून के नियम का पालन नहीं करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया गया है. जिसके बाद झारखंड में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया.
शांतिदूतों को मौन समर्थन
भाजपा विधायक सीपी सिंह ने इस मामले में कहा कि सरकार का मौन इन शांतिदूतों के लिए समर्थन है. शांति दूतों स्कूल के लिए और वोट बैंक के लिए सरकार इनका मौन समर्थन कर रही है. अगर खुलकर इसका समर्थन करेगी तो वे पकड़ में आ जाएंगे. भारत के संविधान के अनुसार और भारत के कानून के अनुसार स्कूल में प्रार्थनाएं होनी चाहिए. उसी के आधार पर छुट्टी होनी चाहिए. वहीं इस मामले में आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि शिक्षा विभाग को ऐसी क्या जरूरत पड़ी की सूचना जारी करना पड़ी. डायरेक्शन है तो क्या पूर्व में भी यह न चलाने का डायरेक्शन हुआ था.
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शिक्षा में राजनीति नहीं
झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक ने कहा कि शिक्षा विभाग का आदेश विधि सम्मत है. उर्दू के तौर पर अधिसूचित स्कूल में शुक्रवार को छुट्टी सही है. विपक्ष को इस्लामिक फोबिया क्यों है कुछ दिनों पहले विपक्ष के बड़े लीडर का इंटरव्यू देखा था जिसमें फर्स्ट पैराग्राफ में कहा कि हम ऐसी पार्टी है जो सारी पार्टी को लेकर साथ चलना चाहते हैं और दूसरे पैराग्राफ में उन्होंने कहा कि हम राज्य का इस्लामीकरण नहीं होने देंगे. भारत देश में सब प्रेम भाव से रहते हैं और वैसे ही चलने दिया जाए क्योंकि जिस स्कूल में उर्दू को मिटाने की कोशिश की गई है वहां के रहने वाले लोग चाहते हैं कि पहले की तरह ही चीजें रहे. वहीं राज्य सरकार में शामिल कांग्रेस के विधायक ने कहा कि तिल का ताड़ नहीं बनाना चाहिए. शिक्षा में राजनीति तो शोभा नहीं देती है. उर्दू आज भी द्वितीय राज्य भाषा है बीजेपी को भी सम्मान करना चाहिए मुद्दा नहीं बनाना चाहिए.