Ranchi: केंद्र सरकार के बाद अब झारखंड के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अरुण कुमार (Chief Secretary Health Arun kumar) ने बताया कि हमारे राज्य में ऑक्सीजन की कमी से मौत का मामला प्रकाश में नहीं आया है. राज्य की हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार की तरफ से अरुण कुमार ने कहा कि ऑक्सीजन (Oxygen) की सप्लाई हमने सुनिश्चित किया, संजीवनी वाहन चलाया, ताकि किसी भी अस्पताल को अगर ऑक्सीजन की कमी लगती है तो तुरंत भेजा जाए.


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अधिकारी ने कहा कि संजीवनी वाहन भी स्टैंडबाय ही रह गया. कोई खास यूज नहीं हो पाया. साथ ही स्वास्थ्य अपर मुख्य सचिव ने कहा, 'ऑक्सीजन बैंक को भी हमारे यहां के अस्पतालों ने प्रोपर मेंटेन किया. ऑक्सीजन टास्क फोर्स ने भी हमारे यहां सुचारू रूप से काम किया. हमारे यहां ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट है ,ये हमारे लिए फक्र की बात है और हमने 15 राज्यों को ऑक्सीजन दिया.'


वहीं, झारखंड बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अमित सिंह ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राज्य सरकार ने बार-बार चिल्लाने का काम किया, मेरे यहां ऑक्सीजन की कमी है. केंद्र सरकार मदद नहीं कर रही , आज जब सच्चाई सामने आ गई तो केंद्र सरकार ने रिपोर्ट सामने रख दिया कि किसी भी राज्य में ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई. केंद्र के इस बात से सरकार की सच्चाई सबों के सामने आ गयी.


केंद्र सरकार के द्वारा संसद में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं होने का रिपोर्ट देने पर सूबे की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए केंद्र की रिपोर्ट पर जोरदार हमला किया. साथ ही उन्होंने कहा कि मरीजों के परिजन ऑक्सीजन प्लांट में पहरा देते थे, लोगों को ब्लैक में ऑक्सीजन खरीदना होता था, सेंट्रल का ऑक्सीजन पर कब्जा था और संसद में आप खड़े होकर कहते हैं कि ऑक्सीजन से एक भी मौत नहीं हुई है, जो शर्मनाक है.