रांचीः Hemant Soren: विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने की इजाजत से संबंधित हेमंत सोरेन की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने हेमंत सोरेन का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन बरहेट क्षेत्र से विधायक हैं.


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'सत्र में भाग लेने की इजाजत हेमंत सोरेन को मिलनी चाहिए'
उन्हें ईडी ने जिस मामले में गिरफ्तार किया है, उसमें चार्जशीट फाइल नहीं की गई है. वह राज्य के सीएम रह चुके हैं. बजट सत्र की कार्यवाही अत्यंत महत्वपूर्ण होती है. उन्हें सत्र में भाग लेने की इजाजत मिलनी चाहिए. सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के कई दृष्टांतों का हवाला दिया, जिसमें जेल में बंद विधायकों को विधानसभाओं में भाग लेने की इजाजत दी गई थी.


दूसरी तरफ ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि हेमंत सोरेन को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव में भाग लेने के लिए कोर्ट से इजाजत दी गई थी, लेकिन, उन्होंने इस अनुमति का दुरुपयोग किया. उन्होंने न्यायपालिका की आलोचना की. लेकिन, यह सदन के अंदर का मामला था, इसलिए उन्हें अवमानना के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता. उनका आचरण भी उन्हें इस राहत के लिए पात्र नहीं बनाता है.


बता दें कि इसके पहले हेमंत सोरेन ने विधानसभा के बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति के लिए पीएमएलए कोर्ट में अर्जी लगाई थी, लेकिन वहां उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी.


बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की न्यायिक हिरासत 7 मार्च तक बढ़ाई गई है. बीते 14 फरवरी को 7 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत बढ़ाए जाने पर 22 फरवरी को अवधि पूरी होने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी हुई. इसके बाद 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत बढ़ाई गई. ऐसे में अब 7 मार्च को पेशी होगी. पूर्व सीएम हेमंत के साथ राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप की भी पेशी हुई. आपको बता दे की पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत अन्य जमीन घोटाले मामले में जेल में बंद है. उन्हें 31 जनवरी को ईडी ने गिरफ्तार किया था


इनपुट-आईएएनएस के साथ 


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