Ranchi: झारखंड में 608 बालू घाट है. जिसमें से 17 का टेंडर किया गया. वहीं, आरोप लग रहा है कि हर महीने करीब 100 करोड़ तक का अवैध कारोबार होता है. जिससे राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है.  हालांकि इस मामले को लेकर अब विपक्ष सरकार को घेरते हुए नजर आ रहे है. वहीं, सरकार की ओर से भी पलटवार किया जा रहा है. 


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भाजपा ने उठाए सवाल
भाजपा पार्टी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि अब तक राज्य में 590 बालू घाटों का टेंडर नहीं किया गया है.  जिसकी वजह से प्रत्येक घाट से करोड़ों की अवैध वसूली की जा रही है और छोटे ट्रक से लेकर बड़े ट्रक में बालू 10000 से 25000 रुपए टेलर में बिक रहे हैं. वहीं, सरकार कहती है कि इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि यह सरकार की मिलीभगत है और जिला प्रशासन के सहयोग से पूरी तरह से हर महीने 500 करोड़ों से अधिक की अवैध वसूली की जा रही है . उन्होंने कहा कि सरकार ही इसे बढ़ावा दे रही है. सरकार की देखरेख में खनिज की लूट की जा रही है. 


झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रवक्ता मनोज पांडे ने किया पलटवार
वहीं, इस मामले पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि सरकार के द्वारा 17 बालू घाटों का टेंडर किया गया है. जिसमें से अन्य जो घाट है उसकी कुछ तकनीकी खामियां है. उसे दुरुस्त करके सभी का टेंडर किया जाएगा. उन्होंने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने हाथी को उड़ाने का काम किया तो उनको भी बस वही दिखता है. राज्य सरकार जल्द ही सभी तकनीकी खामियों को दूर कर सभी बालू घाटों की नीलामी करेगी.  इसके अलावा उन्होंने कहा कि जहां भी अवैध बालू उठाव हो रहा है, उस पर लगातार राज्य सरकार कार्रवाई कर रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी सख्त निर्देश दिए हैं. यहां तक की जो भी अधिकारी दोषी पाए जाएंगे उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


(रिपोर्टर-आशीष कुमार तिवारी) 


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