रांची: झारखंड में 'पीआईएल मैन' के नाम से चर्चित अधिवक्ता राजीव कुमार के रांची स्थित ठिकानों पर कोलकाता पुलिस की छापामारी में बड़े पैमाने पर निवेश, प्रापर्टी और नकद लेन देन के साक्ष्य हाथ लगे हैं. राजीव कुमार को बीते 31 जुलाई को कोलकाता में 50 लाख रुपये कैश के साथ गिरफ्तार किया गया था. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

7 घंटे तक चली छापेमारी
गुरुवार की शाम रांची कोलकाता पुलिस की टीम ने झारखंड पुलिस के सहयोग से राजीव कुमार के रांची के गौरीशंकर नगर स्थित उनके आवास एवं दफ्तर और तुपुदाना स्थित उनके भाई के राइस मिल में लगभग सात घंटे तक छापामारी की. रात लगभग एक बजे तक चले सर्च अभियान के दौरान पुलिस टीम ने प्रॉपर्टी के दस्तावेज सहित कई डिजिटल साक्ष्य बरामद किये हैं.


कोलकाता पुलिस को मिले कई प्रॉपर्टी के पेपर
बताया गया है कि कोलकाता पुलिस ने छापामारी के दौरान रांची में 7 एकड़ में फार्म हाउस, दिल्ली में फ्लैट, नोएडा और ग्रेटर कैलाश सहित कई जगहों पर 16 फ्लैट और कई अन्य चल-अचल प्रॉपर्टी के कागजात हासिल किये हैं. 


पीआईएल की एवज में पैसे लेते थे राजीव कुमार
पुलिस ने कंप्यूटर, लैपटॉप, आईपैड, डायरी एवं कई डिजिटल साक्ष्य भी खंगाले हैं. कोलकाता पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उन्होंने कई पीआईएल के एवज में लेनदेन की थी. बताया जा रहा है कि इससे जुड़े कुछ चैट भी पुलिस ने निकाले हैं.


पीआईएल मैनेज करने के लिए मांगे थे 10 करोड़
गौरतलब है कि अधिवक्ता राजीव कुमार पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता निवासी अमित अग्रवाल नामक व्यवसायी के खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे और फिर एक करोड़ में डील फाइनल की. इसकी पहली किस्त के रूप में उन्होंने व्यवसायी से 50 लाख रुपये लिये, तब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.


हेमंत सोरेन के खिलाफ दायर की है पीआईएल 
सनद रहे कि राजीव कुमार ही वह अधिवक्ता हैं, जिन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) और उनके करीबियों के खिलाफ जांच की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता शिवशंकर शर्मा की ओर से दो पीआईएल फाइल कर रखी है. राजीव कुमार के नाम झारखंड हाईकोर्ट में अब तक सैकड़ों पीआईएल दाखिल करने का रिकॉर्ड है.


(आईएएनएस)