हैवानियत की ऐसी कहानी जिसमें 4 लोगों के हुए थे टुकड़े, एक Cricketer से जुड़ा था पूरा मामला
एक बेटी, एक नाती और एक बहन ने रिश्तों को शर्मसार करते हुए अपनों के खून से ही होली खेल डाली.
Jamshedpur: कहते हैं कि इश्क, मोहब्बत, प्यार इंसान को जीना सिखा देता है. लेकिन 29 जनवरी 1999 को झारखंड के जमशेदपुर में कुछ ऐसा हुआ जिसने इस कहानी के मायने ही बदल कर रख दिए. इस दिन जमशेदपुर के टेल्को इलाके में एक ऐसी घटना घटी जिसे सुनकर इश्क तो क्या लोगों का इंसानियत से भी भरोसा उठ जाए.
यह एक ऐसा दिन था जिस दिन एक बेटी, एक नाती और एक बहन ने रिश्तो को शर्मसार करते हुए अपनों के खून से ही होली खेल डाली.
क्या था पूरा मामला?
झारखंड के जमशेदपुर के टेल्को इलाकों में एक भूमिक परिवार रहा करता था. इस परिवार में 5 सदस्य थे. पिता जो टेल्को कंपनी में काम करते थे, मां जो घर संभालती थी, घर की बड़ी बेटी जिसका नाम चैताली था, चैताली का छोटा भाई और उनकी एक बूढ़ी नानी.
कहने को तो यह परिवार एक हंसता खेलता आम परिवार था. लेकिन 29 जनवरी 1999 के दिन इसी परिवार की छत के नीचे हैवानियत की एक ऐसी घटना घटी जिसने हर किसी के दिलो-दिमाग को झकझोंर कर रख दिया.
सुबह का दिन था. पिता हर रोज की तरह नाश्ता कर काम पर निकल गए. चैताली का छोटा भाई भी यूं ही किसी काम से घर से बाहर गया हुआ था. अब चैताली, उसकी मां और नानी, यह तीन लोग ही घर के अंदर थे. हर रोज की तरह उस दिन भी दोपहर के खाने के बाद नानी ऊपर अपने कमरे में आराम करने चली गईं. मां भी कुछ कामों को खत्म करने में जुट गई कि तभी चैताली दबे पांव घर के मेन डोर के पास जाकर खड़ी हो गई. कुछ देर इधर-उधर देखा मानों जैसे एक डर था कि कोई देख ना ले. इसी डर के साथ उसने धीरे से दरवाजा खोला और दरवाजे के बाहर से एक अनजान शख्स घर के अंदर चला आया.
ये भी पढ़ें- 'परंपरा' के नाम पर खेला गया था खूनी खेल! मिली थी 7 सिर कटी लाश, जानिए क्या था पूरा मामला...
नानी अभी भी सो रही थीं. मां भी काम खत्म करके सोने की तैयारी करने लगी थी. सर्दियों की दोपहर थी घर में सन्नाटा पसरा हुआ था. तभी चैताली मां से नजरें चुराकर नानी के कमरे की ओर चलने लगती है. चैताली के पीछे-पीछे वह अनजान शख्स भी था जिसके घर में होने की खबर सिर्फ और सिर्फ चैताली को ही थी.
चैताली और वह अजनबी दबे पांव नानी के कमरे में पहुंचते हैं. नानी दोपहर के खाने के बाद गहरी नींद में थीं. नानी को सोता देख चैताली ने अजनबी की तरफ इशारा किया. इशारा पाते ही अजनबी ने एक तकिया उठाया और उसे नानी के मुंह पर जोर से रख दिया. काफी देर तक नानी सांस ना आने की वजह से अपने पैर बेड पर मरती रहीं, लेकिन बेरहमों को जरा रहम ना आया. इसके बाद जब लगा कि नानी अब हार मान चुकी हैं और अब वह किसी भी तरह का शोर करने की स्थिति में नहीं हैं तो उस अजनबी ने एक धारदार हथियार से नानी के छोटे-छोटे टुकड़े कर उन टुकड़ों को एक कपड़े में बांध लिया.
इधर, अब तक मां भी सो चुकी थीं. अजनबी और चैताली मां के पास पहुंच कर भी ऐसा ही कुछ करते हैं. बड़ी बेरहमी से बेटी अपनी मां का कत्ल कर देती है. अजनबी मां के शरीर के भी धारदार हथियार से छोटे-छोटे टुकड़े कर एक कपड़े में बांध लेता है.
यह खूनी खेल यहीं नहीं खत्म होता. शाम ढ़लने को आई थी इसी के साथ चैताली का भाई भी घर लौट आता है. भाई ने घर में कदम रखे ही थे कि अचानक घर का दरवाजा बंद कर लिया जाता है और उसे भी ठीक उसकी मां और नानी की तरह मारकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट दिया जाता है.
घर में अब तक तीन खून हो चुके थे और खूनी भी कोई और नहीं बल्कि घर की बेटी चैताली ही थी. रात होने को आई तो पिता भी काम से घर लौट आए. लेकिन आज उनको वह घर-घर नहीं लग रहा था. वहां एक अजीब सन्नाटा था. इतनी देर में वह कुछ समझ पाते कि उनके साथ भी वही हुआ जो घर के बाकी तीन सदस्यों के साथ हुआ था.
घर के 5 सदस्यों में से 4 लोगों का खून हो चुका था. चैताली और अजनबी ने मिलकर उन पांचों लाशों के टुकड़ों को घर के पीछे शौचालय की टंकी में डाल दिया. साथ ही कोई टंकी को खोल ना पाए इसलिए अजनबी ने उसके ढक्कन को सीमेंट से सील कर दिया.
ये भी पढ़ें- MLA की गाड़ी से मिली थी दो लाशें, Semen को बताया गया था पसीना! आत्महत्या या मर्डर?
इसके बाद अजनबी घर से चला जाता है और घर में चैताली अकेली ही होती है. लेकिन अब तक वह इतनी कट्टर दिल हो चुकी थी कि 4- 4 लाशों के बीच रहते हुए भी उसे जरा डर नहीं लगा. दो दिन ऐसे ही बीत जाते हैं. घर के अंदर चार चार लाशें थी लेकिन किसी को इस बात की भनक तक नहीं लगती है.
जब पड़ोसियों ने चैताली से उसके मां-बाप, भाई और नानी के बारे में पूछा भी तो चैताली ने यह कहकर टाल दिया कि वे लोग किसी रिश्तेदार के यहां शादी में गए हैं. कुछ दिन बाद खुद चैताली भी घर में ताला लगा कर वहां से चली जाती हैं.
घटना को 6 महीने बीत जाते हैं. पड़ोसियों के लिए भी अब चैताली का ताला लगा हुआ घर आम होता जा रहा था. कई बार कई लोगों के मन में कुछ सवाल भी आए लेकिन उनका जवाब देने के लिए वहां कोई नहीं था. इन 6 महीनों के दौरान चैताली के पिता के ऑफिस वाले भी कई बार उनका पता निकालने घर आए लेकिन घर में लटके ताले को देख वह भी कुछ ना कर सके.
आखिर कौन था वह अजनबी शख्स, जिसने इतनी बेरहमी से 4 लोगों के टुकड़े कर डाले. आखिर ऐसा क्या हुआ था कि चैताली ने दरिंदगी की हद को पार करते हुए अपने ही मां-बाप, भाई और नानी को इतनी बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया. इन सवालों का खुलासा तब हुआ जब 6 महीने तक लगातार घर में फोन करने के बाद चैताली के मामा आखिर अपनी बहन से मिलने उनके घर पहुंचते हैं.
ये भी पढ़ें- आखिर कौन थी बॉबी, जिसकी मौत का खुलासा नहीं चाहते थे 44 नेता! क्या वाकई ये आत्महत्या थी
घर पर अभी भी ताला लगा हुआ था. जब पड़ोसियों ने पूरे मामले की जानकारी चैताली के मामा को दी तो कुछ देर के लिए वह भी असमंजस में पड़ गए. मामा का कहना था कि किसी रिश्तेदारी में कोई शादी थी ही नहीं. इसके बाद उन्होंने घटना की जानकारी वहां की लोकल पुलिस को दी.
पुलिस को भी यह वारदात कुछ अजीब लगी जिसके चलते पुलिस ने घर के लोगों की तलाश में छानबीन शुरू कर दी. घर पर लगे ताले को भी तोड़ा गया. चैताली के मामा भी पुलिस के साथ ही घर के अंदर आए जहां उनकी नजर सीमेंटेड टंकी पर पड़ी. मामा ने जब उस टंकी को करीब से देखा तो उन्हें उस पर संदेह हुआ. वह सीमेंट अभी तक पूरी तरह से सूखा नहीं था. अब सवाल यह था कि अगर घर में 6 महीने से ताला लगा हुआ है तो यह सीमेंट अभी भी गीला कैसे हो सकता है और आखिर इसे सीमेंट से सील ही क्यों किया गया.
संदेह के बिनाह पर टंकी के ढक्कन को तोड़ा जाता है, जिसके बाद लोगों ने जो देखा वह शायद ही उसे कभी भुला पाए होंगे. टंकी के अंदर से मानव शरीर के अंग पाए गए थे, जिनकी जांच की गई तो पता चला कि वे अंग घर के ही 4 सदस्यों के थे.
इधर, जैसा कि पड़ोसियों ने बताया था कि आखिर में घर के अंदर चैताली ही थी, तो शक की घड़ी कि सुई अब चैताली की तरफ ही इशारा कर रही थी. फिर क्या था पुलिस भी बिना देरी किए चैताली की छानबीन में जुट गई.
लंबे समय तक पुलिस ने चैताली को खोजने की कोशिश की लेकिन कुछ हाथ ना लग सका. इसके बाद कुछ समय बाद खुद चैताली ही पुलिस को सरेंडर कर देती है. उसके साथ वह अजनबी भी मौजूद था.
पूछताछ के दौरान चैताली अपना गुनाह कुबूल करते हुए पुलिस को बताती है कि उसी ने अपने मां-बाप, भाई और नानी का खून किया है. उसने इन हत्याओं का कारण प्रेम-प्रसंग बताया.
चैताली का कहना था कि वह रिजवान खान नाम के एक लड़के से प्रेम करती है. रिजवान एक क्रिकेटर है जो चैताली के कॉलेज के पास वाले स्टेडियम में अपनी प्रैक्टिस करने के लिए आया करता था. इस दौरान दोनों में नजदीकियां बढ़ी और दोनों ने बिना किसी को बताए गुपचुप तरीके से कोर्ट मैरिज कर ली.
ये भी पढ़ें- Operation Gangajal: जब तेजाब को 'गंगाजल' बताकर बिहार पुलिस ने अपराधियों की आंखों को किया 'पवित्र'
शादी को समय बीता, दोनों इसी तरह छुप-छुपकर एक दूसरे से मिलते रहे. लेकिन कुछ दिन बाद चैताली को पता चलता है कि वह मां बनने वाली है. जिसके चलते हैं अब यह बात घरवालों से छुपने वाली नहीं थी. लिहाजा चैताली ने अपने घर में सब कुछ सच-सच बता दिया.
घरवालों को यह बात नागवार गुजरी. चैताली ने उन्हें मनाने के खूब प्रयास किए लेकिन घर वाले नहीं माने. इसीलिए चैताली ने वह कदम उठाया और अपने ही मां-बाप को बेरहमी से मार डाला. वह अजनबी भी और कोई नहीं चैताली का प्रेमी रिजवान ही था. इतना ही नहीं, बल्कि चैताली ने ही उसे अपने खुद के मां-बाप को मारने की सलाह दी थी.
मामले का खुलासा हो चुका था. दोनों मुजरिम भी पुलिस के सामने ही थे. दोनों को निचली अदालत में पेश किया जाता है जहां उनके केस को रेयर ऑफ द रेयरेस्ट की लिस्ट में गिना जाता है और दोनों को फांसी की सजा सुनाई जाती है.
इसके बाद चैताली और रिजवान निचली अदालत के खिलाफ हाईकोर्ट में अपनी अर्जी डालते हैं जहां हाई कोर्ट निचली अदालत के फैसले को खारिज करते हुए दोनों को उम्र कैद की सजा सुनाती है. इसके बाद वे दोनों इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी जाते हैं. लेकिन यहां से उन्हें कुछ हाथ नहीं लगता. सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए दोनों को उम्र कैद की सजा सुनाती है.
वहीं, चैताली ने जेल में ही एक बच्चे को जन्म दिया. कुछ सालों तक मां के पास रहने के बाद उस बच्चे को उन्हीं के रिश्तेदारों ने गोद ले लिया.
आज इस केस को तकरीबन 22 साल हो गए हैं. वह बच्चा भी अभी तक बालिग हो चुका होगा. लेकिन वह कहां है उसका कोई पता नहीं है.
यह एक ऐसी घटना थी जिससे किसी को कुछ हासिल नहीं हुआ. ना तो चैताली अपने मां-बाप की ही हो सकी. ना ही उसे रिजवान मिल सका और ना ही वह एक मां ही बन पाई.
आखिर यह कैसा प्यार था जिसकी वजह से एक बच्चा अपने मां-बाप के प्यार से महरूम रह गया, एक उभरते हुए क्रिकेटर का पूरा करियर, पूरी जिंदगी बर्बाद हो गई, एक बेटी ने अपने ही परिवार को खत्म कर दिया. आखिर यह कैसा प्यार था?